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रक्षा क्षेत्र में देश ने हासिल की दो बड़ी उपलब्धियां, समुद्र से लेकर आसमान तक रहेगी नजर

  • दुश्मन के ड्रोन झुंडों (स्वार्म) के हमले को बेअसर करने के लिए आधुनिकतम एचईपीएफ फायरिंग शेल मिलने जा रहा है।

नई दिल्ली । नौसेना अब और ताकतवर होने जा रही है। उसे दुश्मन के ड्रोन झुंडों (स्वार्म) के हमले को बेअसर करने के लिए आधुनिकतम एचईपीएफ फायरिंग शेल मिलने जा रहा है। यह रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की ओर से विकसित किया गया है। इससे नौसेना ड्रोन झुंडों को बेअसर करने में सफल होगी। डीआरडीओ ने मंगलवार को 30 एमएम हाई एक्सप्लोसिव प्रीफॉर्म्ड फ्रैगमेंटेशन (एचईपीएफ) शेल के उत्पादन का दस्तावेज नौसेना आयुध निरीक्षण महानिदेशक को सौंपा है।

मौजूदा एके-630 गन से दागा जा सकता है

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इसे मौजूदा एके-630 नेवल गन से दागा जा सकता है। इस आधुनिक शेल की विशेषताएं इन-सर्विस एम्युनिशन के समान हैं। एचईपीएफ शेल हार्डवेयर का निर्माण तीन भारतीय फर्मों की ओर से किया गया है। यह निर्माण आयुध अनुसंधान एवं विकास स्थापना (एआरडीई) के निर्देशों और नौसेना आयुध निरीक्षणालय, जबलपुर के सहयोग से गन फायरिंग प्रूफ परीक्षणों के अधीन किया गया है।

स्वदेशी बमवर्षक मानव रहित विमान की पहली उड़ान सफल

देश ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में उस समय एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की, जब स्वदेशी बमवर्षक मानव रहित विमान (यूएवी) ने सफलतापूर्वक उड़ान भरी। बंगलूरू के फ्लाइंग वेज डिफेंस एंड एयरोस्पेस (एफडब्ल्यूडीए) कंपनी ने इस बमवर्षक यूएवी को तैयार किया है, जिसे एफडब्ल्यूडी 200बी नाम दिया गया है।

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