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रावघाट रेल लाइन का मामला गर्माया, रेल मंत्री बोले- जुलाई तक डीपीआर पूरा करेंगे

चुनावी साल में रावघाट रेल परियोजना का मामला गर्मा चुका है। साल 1993 से अटकी पड़ी परियोजना के अब पूरा होने की सुगबुगाहट है। इस परियोजना को पूरा करने की मांग लेकर भाजपा के सांसद और नेता ओम माथुर की अगुवाई में रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव से मिलने पहुंचे। ज्ञापन सौंपकर इस प्रोजेक्ट को पूरा करने की मांग की। रावघाट रेल प्रोजेक्टर प्रदेश के नक्सल इलाकों को रेल कॉरिडोर से जोड़ने की देश का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है।
रेल मंत्री से मिलने वालों में बस्तर संभाग प्रभारी सांसद संतोष पांडे,पूर्व मंत्री व छत्तीसगढ़ भाजपा प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप शामिल थे। इन नेताओं ने ज्ञापन देकर रेल मंत्री से 140 किलोमीटर लंबी रावघाट, जगदलपुर रेलवे लाइन के शीघ्र निर्माण हेतु सहमति देने का आग्रह किया, रेल मंत्री ने कहा कि इस प्रोजेक्ट का डीपीआर जुलाई 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में अलग-अलग चरणों में काम पूरा हो रहा है, कुछ हिस्सों में काम हुआ भी है बाकी बचे सेक्टर में भी डीपीआर आने के बाद काम शुरू हो सकेगा।
बस्तर से करीब-करीब साफ हो चुकी भाजपा इस बात का जोर लगा रही है कि रावघाट जैसे प्रोजेक्ट का फायदा लोगों को मिले। इस चुनावी साल में ये प्रोजेक्ट भाजपा को सत्ता के स्टेशन तक पहुंचाने का रास्ता हो सकता है। यही वजह रही कि ओम माथुर ने इसपर फोकस करने के निर्देश स्थानीय नेताओं को दिए हैं।

इस रेल प्रोजेक्ट को समझिए
दल्लीराजहरा-जगदलपुर-रावघाट रेल लाइन निर्माण की मांग कई दशक पुरानी है। इस परियोजना के निर्माण की सैद्धांतिक स्वीकृति 1993 में योजना आयोग से मिली। 2011 में इस रेल खण्ड का निर्माण प्रारंभ हुआ, इसके बनने से छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से जिला बस्तर के अंतर्गत नारायणपुर, कोंडागांव एवं जगदलपुर सहित विभिन्न कस्बे सीधे जुड जाएंगे, इससे लाखों लोगों को जगदलपुर से रायपुर आवागमन में मात्र 3 से 4 घंटे लगेंगे।
इस रेल खण्ड के निर्माण के अभाव में रायपुर पहुंचने के लिए यात्रियों को वाया विशाखापटनम् या झारसुगुड़ा होते हुए रायपुर पहुंचने में 15 से 16 घंटे लगते हैं जबकि यही दूरी बस द्वारा 4 से 5 घंटे में पूरी हो जाती है। लंबे अरसे से प्रोजेक्ट अटका होने की वजह से अब राजधानी तक रेल लाइन का सपना जुमला सा लगने लगा है।
दरअसल, पहली बार इस दल्लीराजहरा-रावघाट-जगदलपुर रेल लाइन को वर्ष 1995-96 के बजट में शामिल किया गया था। इस समय से ही बस्तर के लोग इसके पूरा होने का सपना देख रहे हैं। केंद्र सरकार का दावा है कि दल्लीराजहरा से जगदलपुर तक लंबे रेलमार्ग के लिए 2009 से प्रस्तावित रावघाट रेल लाइन परियोजना के तहत 10 साल में 3 चरण में काम पूरा हो गया है। रावघाट से जगदलपुर तक लगभग 140 किमी लंबी रेल लाइन बिछाई जानी है। दल्लीराजहरा से रावघाट तक 95 किमी रेल लाइन का काम को पूरा कराना पहली प्राथमिकता रखी गई है।

आंदोलन की तैयारी
जगदलपुर-रावघाट रेल परियोजना का काम अधर में लटका हुआ है। रेल लाइन बिछाने का काम पिछले कई सालों से अधूरा पड़ा है। जिम्मेदार भी अब इस काम को पूरा करवाने कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। रेल आंदोलन के सदस्यों का कहना है कि रेल मंत्रालय या फिर केंद्र सरकार की तरफ से यदि काम शुरू करने 8 मई तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो 9 मई को बस्तर बंद किया जाएगा। बस्तर,कोंडागांव और नारायणपुर जिला बंद रहेगा।
दरअसल, जगदलपुर में रेल आंदोलन के सदस्यों ने समीक्षा बैठक की। इस दौरान बस्तर चेंबर्स ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष और रेल आंदोलन के सदस्य मनीष शर्मा ने कहा कि, बजट में रेल लाइन को मंजूरी दी जा चुकी है। लेकिन फिर भी जगदलपुर-रावघाट परियोजना का काम अधर में लटका हुआ है। काम को आगे नहीं बढ़ाया जा रहा है। हाल ही में डीआरएम से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा गया था। ओडिशा में रेल मंत्री को भी ज्ञापन सौंपकर काम करवाने के लिए कहा था। लेकिन, अब तक काम शुरू नहीं किया गया है।

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