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- गणेश जी कार्य में आने वाली हर रूकावटों को दूर कर देते है ।
हिन्दू धर्म में कोई भी मांगलिक कार्य हो सर्वप्रथम भगवान गणेश जी पूजा अर्चना की जाती हैं। ऐसा कहा जाता है कि कोई भी शुभ कार्य प्रारंभ करने से पूर्व गणेश जी की पूजा करने से कार्य में किसी भी प्रकार की विघ्न और बाधाऐं नहीं आती है। गणेश जी कार्य में आने वाली हर रूकावटों को दूर कर देते है । श्री गणेशाय नम: के जाप और गणेश जी को याद करने के साथ कोई भी अनुष्ठान या शुभ कार्य का शुभारंभ करना अच्छा माना जाता है और इसिलिए शादी विवाह,गृह प्रवेश या मुंडन संस्कार किसी भी प्रकार के शुभ कार्य से पहले गणेश जी पूजा की जाती है। क्या मान्यणताएं हैं गणेश जी की पूजा सबसे पहले आखिर क्यों की जाती है ? आज के इस लेख में हम आपको इनके बारे में बताने जा रहे है । इसके पीछे एक पौराणिक कथा है। एक बार कार्तिकेयजी और गणेशजी के मध्य ‘सर्वप्रथम पूजनीय देवता कौन है? इस बात को लेकर विवाद हो गया । विवाद को बढ़ता देख नारद देव ने दोनों देवताओं को शिवजी के पास चलने की सलाह दी ।नारदजी की सलाह पर दोनों भगवान शिव के पास पहुंचे ।और दोनों ने शिव के समक्ष विवाद का कारण बताया तब भगवान शंकर ने विवाद सुलझाने के लिए गणेश और कार्तिकेय के लिए एक प्रतियोगिता रखी ।उन्होने दोनों से अपने-अपने वाहन पर बैठ कर तीनों लोको का चक्कर का लगाने को कहा और जो सबसे पहले तीनो लोक का चक्कर लगा कर उनके पास पहुंचेगा वही विजेता होगा ऐसा कहा। यह सुनकर कार्तिकेय जी ने सोचा विजेता तो मैं ही बनूंगा क्योंकि गणेश का वाहन ते मूषक हैं जो धीरे-धीरे चलता है और मेरा वाहन तो मोर है जिसकी सहायता से मैं ये प्रतियोगिता आसानी से जीत जाउंगा। जिसके बाद कार्तिकेय तुरंत अपने वाहन मोर पर सवार हो तीनों लोको का चक्कर लगाने निकल पड़े गणेश जी भी अपने वाहन मूषक पर सवार हुए लेकिन उन्होने तीनों लोको का चक्कर लगाने की जगह अपने माता-पिता माता पार्वती और भगवान शिव की तीन बार परिक्रमा की और उनके सम्मुख हाथ जोड़कर खड़े हो गए । थोड़ी देर में कार्तिकेय तीनों लोक का चक्कर लगाकर लौटे और भगवान शिव से कहा की वो विजेता है ।तब शिव जी ने गणेश जी से तीनें लोकों का चक्कर ना लगाने का कारण पूछा ।जिसके बाद गणेश जी ने बताया की माता पिता के चरणों में ही सारा ब्रह्मांड है और इसलिए मैंने आप दोनों की तीन बार परिक्रमा की जो तीनों लोको के परिक्रमा के बराबर है यह सुनकर माता पार्वती और शिवजी बहुत प्रसन्न हुए सभी देवता भी गणेश जी की बुद्धीमानी से बहुत प्रसन्न हुए।जिसके बाद शंकरजी ने गणेशजी को आशीर्वाद देते कहा इस संसार में सर्वप्रथम तुम्हारी पूजा की जाएगी।कोई भी मनुष्य किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले अगर सर्वप्रथम तुम्हारी स्तुति करेगा तो उसके कार्य में किसी भी प्रकार का विघ्न नहीं पड़ेगा तथा उस व्यक्ति को किसी प्रकार की बाधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।जिसके बाद से गणेशजी की पूजा सबसे पहले की जाती है। – (रिंकी कुमारी )