Home » आंध्र प्रदेश का लेपाक्षी मंदिर लटके स्तंभ के लिए प्रसिद्द है, जानें इस मंदिर के पीछे का रोचक इतिहास

आंध्र प्रदेश का लेपाक्षी मंदिर लटके स्तंभ के लिए प्रसिद्द है, जानें इस मंदिर के पीछे का रोचक इतिहास

भारत में दुनिया के सबसे अधिक प्रसिध्द और प्राचीन मंदिर मौजूद हैं। लेकिन दुनिया में कुछ ऐसे मंदिर भी हैं जो अपने आप में कई रहस्यों को समेटे हुए हैं। इन्ही मंदिरो में से एक है लेपाक्षी मंदिर जो आध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में स्थित है। इसे हैंगिंग पिलर टेंपल के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर में कुल 70 स्तंभ हैं जिन्हें आकाश स्तंभ कहा जाता हैं। इस मंदिर की खास बात यह है कि इन स्तंभों में से एक स्तंभ हवा में लटका हुआ है। इस लटके हुए स्तंभ के रहस्य के कारण ही इस मंदिर को हैंगिंग पिलर टेंपल कहा जाता है।

लेपाक्षी मंदिर का इतिहास-

लेपाक्षी मंदिर भारत के आंध्र प्रदेश में अनंतपुर जिले के एक छोटा से गाँव में स्थित है। इस मंदिर में शिवजी के भद्र रुप को वीरभद्र के नाम से पूजा जाता है। यह मंदिर 1583 के समय का है यानी 16वीं शताब्दी की। जो कि वीरभद्र को समर्पित है, यह मंदिर भारत के प्रसिध्द और प्राचीन मंदिरों में से एक हैं। इसे दो भाईयों विरन्ना और विरुपन्ना ने मिलकर बनाया था। यह विजयनगर साम्राज्य के कारीगरों द्वारा बनाया गया था। मंदिर अपनी कई तरह की मुर्तियों के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर में शिवजी की मूर्ति के अलावा,गणेश, नंदी, वीरभद्र, भद्रकाली, विष्णु और लक्ष्मी की मूर्तियाँ हैं। मंदिर की खास बात यह है की यह एक ही  तरह के ग्रेनाइट पत्थर से बनाया गया है।

लेपाक्षी मंदिर की खासियत-

लेपाक्षी मंदिर के बीचों-बीच एक नृत्य मंडप है, जिसमें 70 स्तंभ हैं। उन 70 स्तंभ में से 69 स्तंभ जमीन पर हैं लेकिन इन स्तंभों में से एक स्तंभ जमीन से आधा इंच ऊपर उठा हुआ है। इसके लिए किंवदंती है कि इस लटके हुए खंबे के नीचे से कुछ निकाल कर घर ले जाएं तो घर में सुख-समृध्दी आती है। इसलिए यहां आने वाले लोग इसके नीचे से कपड़ा निकाल कर अपने घर ले जाते हैं।

by Shalini Chourasiya

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