हिंदू धर्म में तीज त्यौहार बने रहते हैं। अब अक्षय तृतीया आने वाला है। इसे आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है। हिन्दू धर्म का यह पर्व वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। हिंदू मान्यता के अनुसार इस पावन पर्व को धन की देवी मां लक्ष्मी का दिन माना जाता है। इस दिन लोग पूरे विधि-विधान से अपने आराध्य देवी-देवता के साथ माता लक्ष्मी की विशेष पूजा करते हैं। इस बार यह पावन पर्व 22 अप्रैल को मनाया जाता है।
इस दिन किए जाते हैं ये मांगलिक कार्य
हिन्दू पंचांग के अनुसार इस साल अक्षय तृतीया का महापर्व 22 अप्रैल 2023, शुक्रवार को मनाया जाना है। अक्षय तृतीया के दिन मां लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान विष्णु, भगवान कृष्ण और भगवान गणेश की पूजा भी की जाती है। इसके अलावा इस दिन गंगा स्नान और दान-दक्षिणा का भी महत्व है। इस तिथि पर प्रॉपर्टी से जुड़े कार्य करना, गृह प्रवेश आदि जैसे मांगलिक कार्य किए जाने पर शुभ होता है।
अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार कलश पूजा का शुभ मुहूर्त 22 अप्रैल 2023 को प्रात:काल 07 बजकर 49 मिनट से दोपहर 12 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। इस प्रकार पूजा करने की कुल अवधि 04 घंटे 31 मिनट तक रहेगी। मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन सोना या फिर सोने से आभूषण या बर्तन आदि खरीदना शुभ माना जाता है। 22 अप्रैल 2023 को सोना खरीदने के लिए सुबह 07:49 का योग शुभ है और 23 अप्रैल को सुबह 07:47 का समय भी बेहद शुभ माना जाता है।
अक्षय तृतीया की पूजा विधि
- अक्षय तृतीया का पुण्यफल पाने के लिए इस दिन प्रात:काल उठकर स्नान-ध्यान करें। इसके बाद हो सके तो अक्षय तृतीया के दिन पीले कपड़े पहनें।
- इसके बाद एक चौकी पर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर को पीला कपड़ा बिछाकर रख लें।
- इसके बाद भगवान को उन्हें गंगा जल से स्नान करवाएं।
- उन पर फल-फूल, तुलसी, भोग आदि अर्पित करें, कोशिश करें कि फूल पीले रंग के हों
- अक्षय तृतीया पर भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए उनका पाठ या फिर उनके मंत्रों का जप करें।
- पूजा के अंत में भगवान विष्णु की आरती करना और प्रसाद बांट कर पूजा समाप्त।