राजस्थान के सीकर में स्थित हारे का सहारा खाटू श्याम जी का मंदिर, जहां हर साल लाखों की तादात में लोग पहुंचते हैं और यहां बीते कुछ वर्षो में खाटू श्याम जी के दर्शनों को पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। खाटू श्याम जी को हारे का सहारा भी कहा जाता है, यहां की मान्यता है कि यदि किसी भी व्यक्ति के कामयाबी के सभी रास्ते बन्द हो गए हों और वह व्यक्ति हार गया हो लेकिन वह व्यक्ति खाटू श्याम जी के मंदिर आस लेकर आता है तो खाटू श्याम जी हनकी मनोकामना जरूर पूरी करते हैं। इस मंदिर में प्रतिदिन खाटू श्याम जी का विशेष रूप गुलाब के फूल, इत्र और कई चीजों से श्रृंगार किया जाता है और आरती की जाती है। बाबा खाटू श्याम जी के श्रृंगार में विशेष रूप से गुलाब के फूलों का प्रयोग किया जाता है और यहां पहुंचने वाले श्रद्धालु भी बाबा खाटू श्याम जी को गुलाब का फूल अर्पित करते हैं। लेकिन क्या आप जानते है कि आखिर क्यों बाबा खाटू श्याम जी को गुलाब का फूल अर्पित किया जाता है?
खाटू श्याम जी को इस वजह से किए जाते हैं गुलाब अर्पित
ऐसा माना जाता है कि बाबा खाटू श्याम जी के भक्त गुलाब का फूल चढ़ाकर अपनी गलतियों की क्षमा मांगते है, जिससे बाबा खाटू श्याम जी प्रसन्न होकर उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। हमारे सनातन धर्म में गुलाब के फूल को प्रेम का प्रतीक माना जाता है औऱ जब एक भक्त अपने प्रभू को गुसलाब का फूल अर्पित करता है तब यह गुलाब भक्त और प्रभु के बीच के अटूट प्रेम और विश्वास को दर्शाता है और अपनी सभी मनोकामनाएं पूरी होने पर भी लोग खाटू श्याम जी गुलाब का फूल अर्पित करते हैं।
खाटू श्याम मंदिर की मान्यता
इस मंदिर की धार्मिक मान्यता है कि जो भक्त बाबा खाटू श्याम जी के मंदिर में आता है। उसे हर बार बाबा खाटू श्याम जी का अलग ही रूप दिखाई देता है यहां पहुंचे लोगों का कहना है कि कई बार तो खाटू श्याम जी के आकार में बदलाव देखने को भी मिला है।
गुलाब और इत्र अर्पित करने से मिलते हैं ये लाभ
बाबा खाटू श्याम जी को इत्र चढाने से भक्त के घर में हमेशा सुख-शांति बनी रहती है और ऐसी मान्यता है कि खाटू श्याम जी को गुलाब का फूल अर्पित करने से खाटू श्याम जी भक्त की सभी गलतियों को क्षमा कर देतो हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।