इंदौर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर हादसे में राजनीति शुरु हो गई है। कल यानी शुक्रवार को सीएम शिवराज सिंह इंदौर पहुंचे तो हादसे के तीसरे दिन शनिवार को पूर्व सीएम कमलनाथ भी इंदौर जा पहुंचे। और वहां जाकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। इस हादसे में अब तक 36 मौतों हो चुकी हैं। जिसके बाद से पूरा शहर शोक में डूबा है। वहीं पीड़ितों का आरोप है कि ने नगर निगम और प्रशासन हादसे के दो घंटे बाद तक तक कोई रेस्क्यू नहीं किया गया। उनका कहना है कि कलेक्टर और आईजी ऐसे घूमते रहे, जैसे टाइमपास कर रहे हो। नगर निगम कुछ नहीं कर सका। शाम पांच-साढ़े पांच बजे एनडीआरएफ की टीम आई।
सरकार आने पर रेस्क्यू रैपिड एक्शन फोर्स बनाएगी कमलनाथ
इंदौर में कमलनाथ ने कहा- इंदौर को स्मार्ट सिटी कहते हैं, इस हादसे ने हकीकत उजागर कर दी। हमारी सरकार आने के बाद हर जिले में रेस्क्यू रैपिड एक्शन फोर्स बनाई जाएगी, जो किसी भी हादसे पर 15 मिनट में मौके पर पहुंच जाएगी।
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नाम का स्मार्टसिटी इंदौर
एक महिला ने कमलनाथ से कहा कि बावड़ी से लोगों को निकालने के लिए पहले नगर निगम को बुलाया गया, लेकिन वे लोगों को नहीं निकाल सके। फिर भोपाल से टीम बुलाई गई। जब ये भी कुछ नहीं कर पाई तब कहीं जाकर महू से एनडीआरएफ को बुलाया गया। प्रशासन ने इन्हें पहले क्यों नहीं बुलाया।
कमलनाथ बोले- पीड़ितों की मांगें नहीं मानीं तो कोर्ट जाएंगे
कमलनाथ ने कहा कि घटना बेहद दुखद है। विडंबना है कि आर्मी भी घटना के 12 घंटे बाद पहुंची। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवारों में जबरदस्त आक्रोश है। मंदिर परिसर की जमीन पर अतिक्रमण किया गया था, लेकिन उसे हटाया नहीं गया। पीड़ितों ने जो भी व्यथा और पीड़ा बताई है, उसे लेकर हम सभी मांग राज्य सरकार के सामने रखेंगे और नहीं मानने पर कोर्ट की शरण लेंगे। इसके लिए सिर्फ 1 हफ्ते का समय सरकार को दे रहे हैं।