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हिंदुस्तान जिंक की शिक्षा संबल परियोजना सुनिश्चित कर रही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा

  • पांच जिलो के 8 हजार से अधिक ग्रामीण और आदिवासी छात्र हो रहे लाभान्वित
    इंदौर।
    ज्यादातर युवाओं को इलेक्ट्रीशियन का कोर्स करना चुनौतीपूर्ण लगता है जिसमें वायरिंग, स्विच, इलेक्ट्रिक मीटर और लाइटबल्ब्स लगाना और सुधारने जैसे मुख्य कार्य शामिल है। देबारी, गुडली गांव की रहने वाली रेखा माली ने इस विज्ञान वर्ग में अवसर के बारे में जानने के बाद इस कौशल में रूचि ली। जब रेखा ने पहली बार स्विच से वायरिंग जरियें लाइटबल्ब को जोडा तो बल्ब की रोशनी के साथ ही उसके चेहरे पर चमक साफ दिखायी दे रही थी। हिन्दुस्तान जिं़क के शिक्षा संबल कार्यक्रम के तहत जावर, देबारी और दरीबा के उच्च माध्यमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों के लिये कृषि और विद्युत में पूर्व व्यावसायिक प्रशिक्षण के दो बैच आयोजित किए गए। शिक्षा संबल के प्री-वोकेशनल प्रोग्राम के तहत आयोजित इलेक्ट्रिकल कोर्स के बालिकाओं के पहले बैच में से प्रत्येक में सामान्य से हटकर कुछ करने और कुछ अपरंपरागत सीखने की मानसिकता इसकी विशेषता है।
    छात्रों के साथ प्रारंभिक बातचीत कर विभिन्न उद्देश्यों को पूरा करने के लिए हिंदुस्तान जिंक द्वारा प्रमुख परियोजना शिक्षा संबल की स्थापना की गई थी। लर्निंग गैप, सीमित अनुभव के कारण आत्मविश्वास की कमी और छात्र-शिक्षक में जुडाव इसमें महत्वपूर्ण है। शिक्षा संबल कार्यक्रम को मुख्य रूप से इन चुनौतियों को कम करने के लिए अतिरिक्त सामग्री प्रदान कर, वैचारिक स्पष्टता एवं सुधार हेतु कक्षाएं, समुह बनाकर सीखने की सुविधा और विद्यालय के अतिरिक्त संभावित सीखने के अवसरों की पहचान के अनुरूप बनाया गया है। इसमें सीखने और व्यक्तित्व विकास को प्रोत्साहित करने के लिए शिक्षक-साथी सहयोग मॉडल स्थापित किया गया जिसमें रीडिंग मेला आयोजित करना शामिल है।
    वर्तमान में, शिक्षा संबल कार्यक्रम से उदयपुर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा और अजमेर के पांच जिलों के 57 गांवों के 8,000 ग्रामीण और आदिवासी छात्र लाभान्वित हो रहे है। यह कक्षा, डिजिटल और हाइब्रिड मोड के माध्यम से भाषाओं, विज्ञान और गणित में स्कूल स्तर की शिक्षा प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक बच्चे की शैक्षणिक आवश्यकता पर व्यक्तिगत ध्यान सुनिश्चित करने के लिए, फील्ड कार्मिक की एक टीम बनायी गई, जो कार्यक्रम का आधार है। यह टीम छात्रों के लिए मॉडल पेपर, सुनिश्चित शिक्षण सामग्री अनुपालन, पुस्तकालय और प्रयोगशाला व्यावहारिक सत्रों पर ध्यान केंद्रित कर शिक्षण-सीखने के समय को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। शिक्षा संबल कार्यक्रम में प्रत्येक विद्यालय में अब यह टीम है जो न केवल राजकीय शिक्षकों की अनुपस्थिति में विद्यार्थियों को सहयोग करता है बल्कि गर्मियों और सर्दियों की छुट्टियों के दौरान सीखने के लिए शिविर आयोजित करने और छुट्टियों के दौरान अतिरिक्त कक्षाएं लेने में भी सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
    उच्च माध्यमिक स्तर के छात्रों को उनके द्वारा चुनी गए विषयों के लिए उपलब्ध अवसरों के बारे में समझ की कमी थी। इसे दूर करने के लिए, कई करियर परामर्श सत्र आयोजित किए जाते हैं, जिसमें उद्योग के विशेषज्ञ छात्रों के साथ विभिन्न करियर और नौकरी के अवसरों, शैक्षणिक पाठ्यक्रमों के बारे में जानकारी दी जाती हैं, जिन्हें स्कूली शिक्षा के बाद अपनाया जा सकता है।
    कार्यक्रम की शुरुआत के बाद से, समर कैंप ऐसी गतिविधि के रूप में विकसित हुए हैं, जो सीखने के अंतराल को कम करने पर केंद्रित है, जबकि शीतकालीन अवकाश में आयोजित शिविर बोर्ड परीक्षा की तैयारी पर ध्यान केंद्रित करते हैं। प्रति वर्ष, प्रतिष्ठित कॉलेज संस्थानों के 150 से अधिक वालेटिंयर इसमें शामिल हो कर अपने अनुभव साझा कर ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के छात्रों के समग्र विकास में योगदान दे रहे हैं। समग्र शिक्षण वातावरण बनाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं जो प्रत्येक छात्र के उज्जवल भविष्य को सुनिश्चित कर सके।

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