- हिमाचल और ओडिशा मे तेजी से फैल रहा है स्क्रब टाइफस
- संक्रमित छोटे कीड़े-मकोड़ों से फैलता है स्क्रब टाइफस
अभी देश कोरोना महामारी से बाहर ही आया था कि भारत मे एक नई बीमारी ने दस्तक दे दी हैं। देश के कुछ हिस्सों में इन दिनों एक नई बीमारी स्क्रब टाइफस से संक्रमण के मामले काफी तेजी से सामने आ रहे है। ये बीमारी एक जीवाणु से संक्रमित पिस्सु के काटने से फैलती है। हालांकि इसके केस केवल हिमाचल प्रदेश और ओडिशा मे ही सामने आ रहे है। हिमाचल प्रदेश में अब तक स्क्रब टाइफस के कुल 973 मामले सामने आ चुके हैं और 10 लोगों की इस बीमारी से जान जा चुकी है। वहीं ओडिशा की बात करें तो यहां 5 लोगों की मौत हो चुकी है।
स्क्रब टाइफस एक बैक्टीरिया जनित बीमारी है। स्क्रब टाइफस नाम की बीमारी ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी बैक्टीरिया की कारण होती है। यह एक संक्रामक रोग है। ये इन्फेक्टेड पिस्सुओं यानी चिगर्स के काटने से उसके शरीर से मनुष्य के शरीर में फैलता है। ये बहुत छोटे-छोटे कीड़े होते हैं, जो ज्यादातर घास, झाड़ियों, चूहों, खरगोशों और गिलहरियों जैसे जानवरों के शरीर पर होते हैं। इसे बुश टाइफस भी कहा जाता है।यह ज्यदा तर खेतों और बाग में काम करने वाले किसान इससे प्रभावित होते हैं।
कैसे फैलती है स्क्रब टाइफस बीमारी?
स्क्रब टाइफस एक तरह की संक्रामक बीमारी है, संक्रमित छोटे कीड़े-मकोड़ों और जीवों जैसे- पिस्सू, घुन, जूं आदि के बैक्टीरिया के कारण काटने से फैलती है। ये कीड़े ज्यदा तर घने जंगलों, झाड़ियों वाली जगहों पर पाए जाते हैं। कई मामलों में ये कीड़े चूहे या अन्य छोटे जीवों के शरीर पर लिपटकर इंसानों की बस्ती तक पहुंच जाते हैं और इंफेक्शन का कारण बनते हैं। बारिश के मौसम में खेत-झाड़ियों के आसपास ये बीमारी फैलाने वाले बैक्टीरिया पनप सकते हैं, जिस कारण ये बीमारी इसी मौसम में ज्यादा देखने को मिलती है। कीड़े के काटने के अलावा ये बैक्टीरिया कीड़े के मल के कॉन्टेक्ट में आने से भी मनुष्य के शरीर में फैल सकते हैं। जब कोई हेल्दी व्यक्ति बैक्टीरिया से इन्फेक्टेड व्यक्ति के संपर्क में आता है तो उसे भी स्क्रब टाइफस हो सकता है। चिगर्स शरीर के जिस हिस्से में काटते हैं, वहां पर गहरे रंग की पपड़ी जैसा घाव बन जाता है। साथ ही शरीर पर लाल धब्बे या चकत्ते पड़ने लगते हैं।
क्या है स्क्रब टाइफस के लक्षण?
6 से 21 दिनों (मतलब 10 से 12 दिन) के बाद लक्षण प्रकट होने लगते हैं और अगर बीमारी का जल्द से जल्द इलाज नहीं किया जाता है तो यह शरीर के कई अंगों में फैल सकता है। स्क्रब टाइफस के लक्षण अचानक शुरू होते। इसके कुछ सामान्य लक्षण है जैसे कि,104 से 105 डिगरी तक बुखार लगना,ठंड लगना और कंपकंपी,सिरदर्द ,रैशेज या पैचेज,मांसपेशियों में तेज दर्द। और गंभीर लक्षण जैसे कि भ्रम और कोमा की स्थिति,इंटरनल ब्लीडिंग (अंदरूनी रक्तस्राव) ,शरीर के अंगों (हार्ट, किडनी, लिवर आदि) का फेल हो जाना (ऑर्गन फेलियर),मानसिक स्थिति का ठीक न होना,बढ़े हुए लिम्फ नोड्स।
क्या है स्क्रब टाइफस का इलाज
स्क्रब टाइफस का पता चलने पर मरीज के लक्षणों के आधार पर उसका इलाज किया जाता है। आमतौर पर इस संक्रमण के इलाज में एंटीबायोटिक्स की मदद ली जाती है। CDC के अनुसार स्क्रब टाइफस के लक्षणों के शुरू होते ही अगर मरीज को एंटीबायोटिक्स दे दी जाएं, तो मरीज को जल्द ठीक किया जा सकता है।
ऐसे करे स्क्रब टाइफस से बचाव
- स्क्रब टाइफस से संक्रमीत मरीज से दूरी बनाए रखे
- रात में खुली जगह पर न सोएं।
- अपने घर और काम की जगह के आसपास सफाई रखें व गंदगी न जमा होने दें।
- घर में कहीं पर भी कीड़े दिखें, तो कीटनाशकों का प्रयोग कर इन्हें खत्म करें।
- संक्रमित मरीज से दूरी बनाएं।
- खेतों और बगीचों में काम करते समय कीड़े-मकोड़ों के काटने पर तुरंत साबुन से धोकर अच्छी तरह त्वचा की सफाई करें।
(अंजलि रानी)