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- लू से जान-हानि भी हो सकती है, इसके असर को कम करने के लिए और लू से होने वाली मौत की रोकथाम के लिए कुछ उपाय
कड़ी धूप में बाहर ना निकलें, खासकर दोपहर 12:00 बजे से 3:00 बजे के बिच में। हल्के रंग के ढीले-ढीले सूती कपड़े पहनें। धूप से बचने के लिए गमछा, टोपी,छाता,धूप का चश्मा, जूते और चप्पल का इस्तेमाल करें। सफर में अपने साथ पानी रखें। शराब, चाय, कॉफी, जैसे पेय पदार्थ का इस्तेमाल न करें, यह शरीर को निर्जलित कर सकते है। अगर आप का काम बाहर का है तो, टोपी, गमछा या छाते का इस्तेमाल जरूर करें और गीले कपड़े को चेहरे, सिर और गर्दन पर रखें। अगर आपकी तबियत ठीक न लगे या चक्कर आए तो तुरन्त डॉक्टर से सम्पर्क करें। घर में बना पेय पदार्थ जैसे कि लस्सी, नमक चीनी का घोल, नीबूं पानी, छांछ, आम का पन्ना इत्यादि का सेवन करें। जानवारों को छांव में रखें और उन्हे खूब पानी पीनें को दें। अपने घर को ठंड़ा रखें, पर्दे, शटर आदि का इस्तेमाल करें। रात में खिड़कीयाँ खुली रखें। ठंड़े पानी से बार-बार नहाएं।
क्या करें
धूप में खड़े वाहनों में बच्चों एवं पालतू जानवरों को न छोड़े। खाना बनाते समय कमरे के खिड़की एवं दरवाजे खुले रखें जिससे हवा का आना जाना बना रहें। उच्च प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करें। बासी भोजन न करें खिड़की को रिफ्लेक्टर जैसे एल्युमीनियम पन्नी, गत्ते इत्यादि से ढक कर रखें। ताकि बाहर की गर्मी को अन्दर आने से रोका जा सके। स्थानीय मौसम के पुर्वनुमान को सुने और आगामी तापमान में होने वाले परिर्वतन के प्रति सतर्क रहें। आपत् स्थिती से निपटने के लिए प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण लें।
लू के लक्षण
शरीर का तापमान बढ़ना एंव पसीना न आना, सिरदर्द होना या सर का भारीपन महसूस होना, त्वचा का सूख जाना एंव लाल होना, उल्टी होना, बेहोश हो जाना मांसपेशियों में ऐठन यह सब लू लगने के लक्षण है।
लू का प्राथमिक उपचार
व्यक्ति को ठंड़े एंव छायादार स्थान पर ले जाए एवं नजदीक के स्वास्थय केन्द्र पर ले जाएं। व्यक्ति का पैंर ऊपर रखकर सुला दें। अगर बेहोश न हो तो ठंड़ा पानी पिलायें, जितना हो सके शरीर से कपड़े उतार दें। शरीर के ऊपर पानी का छिड़काव करें। पंखे की हवा में सुलाए।