- हमने तय किया है कि रानी का चरित्र हम दुनिया के सामने ले जाएंगे।
- भारतवर्ष को गौरवान्वित करने वाला उनका व्यक्तित्व था ऐसी रानी दुर्गावती को नमन है।
जबलपुर। रानी दुर्गावती के 461 वें बलिदान दिवस समारोह में मुख्यमंत्री सीएम डॉ मोहन यादव ने मंच से की घोषणा जबलपुर एयरपोर्ट व प्रदेश का सबसे बड़ा फ्लाईओवर रानी दुर्गावती के नाम से जाना जाएगा। मंडला जबलपुर के बीच स्टेडियम भी बनेगा।
रानी ने 52 युद्ध लड़े, समाज के सामने कई बातें सामने आनी बाक़ी हैं। रानी ने मुग़लों और अंग्रेजों की हर चाल का जवाब दिया। हमने तय किया है कि रानी का चरित्र हम दुनिया के सामने ले जाएंगे। स्कूली पाठ्यक्रम से लेकर हर ज़रूरी कदम उठाएंगे। हर माह कोई न कोई आयोजन होगा।
बड़े अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम की भारत सरकार से मांग रखी
सीएम बोले- मंडला और जबलपुर के बीच एक बड़े अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम की भारत सरकार से मांग रखी है। भारतवर्ष को गौरवान्वित करने वाला उनका व्यक्तित्व था ऐसी रानी दुर्गावती को नमन है। भारत की हजारों साल से विशेष पहचान है, 500 साल का इतिहास जब रानी माता दुर्गावती और महाराणा प्रताप भी अभियान चला रहे थे।
विधायक अभिलाष की मांग पर माढ़ोताल, हनुमान ताल का उन्नयन
रानी दुर्गावती का शौर्य, अदम्य, सुशासन का स्वर्णिम इतिहास है। पाठ्यक्रम से लेकर सेमिनार, आयोजनों के माध्यम से रानी दुर्गावती का चारित्र पूरी दुनिया के सामने ले जाएंगे। शेर शाह सूरी ने भी यहां आकर घुटने टेके, अकबर की सेना को तीन बार धूल चटाई ये लोगों तक पहुंचाना, सहयोगी के नाम पर अधारताल, सहायिका के नाम पर चेरीताल। विधायक अभिलाष की मांग पर माढ़ोताल, हनुमान ताल के उन्नयन की बात कही।
52 युद्व जीते, हर युद्व जीतकर प्रजा के हित में तालाब बनवाती थीं
23 हजार गांव चिन्हित किए थे जिनमें उन्हें पता था कहां कौन सी फसल होगी। पंच साल विधि से 52 ताल 84 तलैया बनवाए। 52 युद्व जीते, हर युद्व जीतकर प्रजा के हित में तालाब बनवाती थीं। भाजपा की सरकार उनके दिखाए रिश्ते पर आगे चल रही है।
पांच-पांच हजार रुपये देने की घोषणा
समाधि स्थल पर मुख्यमंत्री का स्वागत बैगा आदिवासी नर्तक दल ने बैगा नाचा नृत्य से किया। मुख्यमंत्री को आदिवासी नर्तकों ने खुमरी पहनाई। डॉ यादव भी इस मौके पर कुछ अलग अंदाज में नजर आये । उन्होंने मोहगांव, मंडला से आये इन आदिवासी नर्तकों के साथ मादल की थाप पर नृत्य किया। डॉ यादव ने खुद पहले नगाड़े पर थाप दी।