देशभर में इन दिनों बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं द्वारा किये जा रहे प्रदर्शन की खबर सुर्ख़ियों में है। इसी बीच कलकत्ता कोर्ट ने इस पूरे मामले पर संज्ञान लेते हुए ममता सरकार को जबरदस्त फटकार लगाई है। चीफ जस्टिस टीएस सिवागननम और जस्टिस हिरन्मय भट्टाचार्य की बेंच ने कहा- यह चौंकाने वाला है कि समस्या की जड़ में मौजूद एक आदमी अभी तक पकड़ा नहीं जा सका है और वो फरार है। अगर उसके खिलाफ हजारों झूठे आरोप हैं, लेकिन इनमें अगर एक भी आरोप सही है तो आपको उसकी जांच करनी चाहिए। आप बेवजह लोगों को परेशान कर रहे हैं।
कोर्ट ने कहा- “राज्य में कानून व्यवस्था की समस्या तो है। वह जनप्रतिनिधि है। वह कानून का अपमान नहीं कर सकता। देखते हैं कि वो कोर्ट के आगे पेश होगा या नहीं।” कोर्ट ने कहा कि स्वत: संज्ञान मामले में हम उन्हें सरेंडर करने को कहेंगे।” इसके साथ ही मुख्य न्यायाधीश ने संदेशखली कांड के मुख्य आरोपित फरार तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख को तत्काल गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने का भी आदेश दिया।
शुभेंदु अधिकारी पहुंचे संदेशखाली
इसके अलावा डिवीजन बेंच ने मंगलवार को बंगाल के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी को हिंसा प्रभावित संदेशखाली जाने की इजाजत दी। डिवीजन बेंच ने शर्तें भी रखीं। कहा कि शुभेंदु के साथ सिर्फ उनकी सिक्योरिटी के लोग हिंसा प्रभावित इलाके में जाएंगे। जिसके बाद शुभेंदु अधिकारी संदेशखाली पहुंच चुके हैं। हालांकि, इस दौरान पुलिस के द्वारा उन्हें रोकने की भी कोशिश की गयी थी।