होली रंगों का त्यौहार है जो लोगो के जीवन में खुशियों के रंगों को भर देता है। होली के उत्सव की धूम पूरे देश में देखने को मिलती है लेकिन यदि वृंदावन की होली किसी ने एक बार देख ली तो वह जीवन भर नहीं भूल सक्ता। इस बार 2024 में होली 25 मार्च को है लेकिन मथुरा-वृंदावन में 17 मार्च से ही होली उत्सव शुरु हो गया है। यहाँ देश से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग मथुरा-वृंदावन के होली उत्सव में शामिल होने के लिए पहुंचते है। आईआऱसीटीसी से प्राप्त जानकारी के अनुसार मथुरा और वृंदावन में 17 मार्च से लेकर 26 मार्च तक अलग-अलग स्थानों पर होली उत्सव के कार्य़क्रम का आयोजन किया गया है। ऐसे में यदि आप भी मथुरा-वृंदावन की होली में शामिल होने की सोच रहें है तो मथुरा-वृंदावन में संपन्न होने वाले धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों की नियामावली के विषय में एक बार जरूर जानकारी प्राप्त कर लें।
क्यों खेली जाती है मथुरा-वृंदावन में होली
प्राचीन काल से ही मथुरा-वृंदावन में भगवान श्री कृष्ण के सम्मान में होली महोत्सव मनाया जाता है। ब्रज की इस होली के दोरान यहां फूलों की होली, लठमार होली, विधवा होली और रास-लीला जैसे विभिन्न रीति-रिवाज से यहां की होली मनाई जाती है। यही कारण है कि सभी मंदिर होली के दिन रंगो से रंगमय हो जाते हैं।
मथुरा-वृंदावन में 17 मार्च 2024 को लड्डू होली
17 मार्च को लड्डू होली से मथुरा–वृंदावन में होली महोत्सव की शुरुआत हुई इस होली में महिलाएं पुरुषों को लड्डू फेंक कर मारतीं हैं जो गोपियों द्वारा भगवान श्री कृष्ण को छेड़ने के भाव को दिखाता है।
मथुरा-वृंदावन में 18 मार्च 2024 को लट्ठमार होली
बरसाने में 18 मार्च को लट्ठमार होली का आयोजन हुआ। इस होली में महिलाएं पुरुषों को लट्ठ मारती हैं लट्ठमार होली होली मनाने के लिए अधिक संख्या में दुर-दूर से लोग बरसाने में आते हैं और बढ-चढकर लट्ठमार होली में भाग लेते हैं।
19 मार्च को नंदगांव में होली
लट्ठमार होली और लड्डू होली के वाद 19 मार्च को नंदगांव में भी इसी तरह की होली का आयोजन किया जाएगा। जिसमें पुरुषों द्वारा फूलों से महिलाओं को छेडने के बाद महिलाएं पुरुषों पर लट्ठ बरसाएंगी। इसी के साथ 20 सार्च को वृंदावन में फूलों की होली, 21 सार्च को मथुरा से लगभग 15 मील दूर गोकुल में लट्ठमार होली, 23मार्च को वृन्दावन आश्रमों में विधवा होली के साथ होली महोत्व का समापन होगा।
By Shalini Chourasiya