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हम शंघाई सहयोग संगठनको एक विस्तारित पड़ोस के रूप में नहीं, एक परिवार के रूप में देखते हैं: मोदी

  • “भारत ने एससीओ के भीतर सहयोग के पांच स्तंभ स्थापित किए हैं।
  • भारत के हजारों साल पुराने सांस्कृतिक और लोगों से लोगों के संबंध हमारी साझा विरासत का जीवंत प्रमाण हैं।”
    नई दिल्ली।
    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई कोऑपरेशन समिट (एससीओ) की वर्चुअल समिट में कहा, “हम एससीओ को एक विस्तारित पड़ोस के रूप में नहीं, बल्कि एक विस्तारित परिवार के रूप में देखते हैं। सुरक्षा, आर्थिक विकास, कनेक्टिविटी, एकता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान, और पर्यावरण संरक्षण एससीओ के लिए हमारे दृष्टिकोण के स्तंभ हैं शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “भारत ने एससीओ के भीतर सहयोग के पांच स्तंभ स्थापित किए हैं: स्टार्टअप और नवाचार, पारंपरिक चिकित्सा, युवा सशक्तिकरण, डिजिटल समावेशन और साझा बौद्ध विरासत। पिछले दो दशकों में, एससीओ पूरे यूरेशिया क्षेत्र में शांति, समृद्धि और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में उभरा है। इस क्षेत्र के साथ भारत के हजारों साल पुराने सांस्कृतिक और लोगों से लोगों के संबंध हमारी साझा विरासत का जीवंत प्रमाण हैं।” शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं, “एससीओ देशों के युवाओं की प्रतिभा का दोहन करने के लिए, यंग साइंटिस्ट कॉन्क्लेव, ऑथर्स कॉन्क्लेव, स्टार्टअप फोरम और यूथ काउंसिल जैसे कई नए मंच आयोजित किए गए हैं। ये प्लेटफार्मों का लक्ष्य एससीओ के युवाओं की क्षमता को प्रदर्शित करना और उन्हें सार्थक अवसर प्रदान करना है”।

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