हरदा की पटाखा फैक्ट्री में भीषण आग लगने के बाद एक बड़ा ब्लास्ट हो गया।
हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई है और कई लोग घायल हैं।
तीन सदस्यीय जांच समिति का भी गठन किया है।
हरदा, मध्य प्रदेश के हरदा में मंगलवार सुबह हुए ब्लास्ट मामले में अवैध पटाखा फैक्ट्री के मालिक राजेश अग्रवाल और सोमेश अग्रवाल समेत तीन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दोनों फैक्ट्री मालिक पुलिस से बचने के लिए हरदा छोड़कर नेशनल हाईवे के जरिये भाग रहे थे, इसी बीच पुलिस ने राजगढ़ जिले के सारंगपुर के समीप हाईवे पर इन्हें पकड़ लिया। पुलिस के मुताबिक, तीसरे आरोपी का नाम रफीक खान है। बता दें कि इस मामले में हरदा के सिविल लाइन थाना में एक अपराध दर्ज किया गया है। फिलहाल तीनों आरोपी पुलिस की कस्टडी में हैं, जिनसे मामले में पूछताछ की जा रही है।
हरदा के मगरधा रोड पर बनी अवैध पटाखा फैक्ट्री में मंगलवार सुबह हुए ब्लास्ट के बाद मची तबाही के बीच फैक्ट्री मालिक राजेश अग्रवाल और सोमेश अग्रवाल मौके से फरार होकर भागने की फिराक में थे। पुलिस ने ब्लास्ट के मामले में शहर के सिविल लाइन थाना में आरोपियों पर विस्फोटक अधिनियम और आईपीसी की अलग-अलग धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
तीन सदस्यीय जांच समिति गठित
घटना के तुरंत बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संज्ञान लिया और तीन सदस्यीय जांच समिति के गठन के आदेश जारी किए। मध्यप्रदेश सरकार ने तीन सदस्य जांच कमेटी का गठन किया है। गृह वाक्य प्रमुख सचिव संजय दुबे की अध्यक्षता में समिति हादसे की जांच करेगी। जयदीप प्रसाद आईपीएस और लोक निर्माण विभाग के अधिकारी आरके मेहरा को सदस्य बनाया गया है।
एक महीने पहले हुई थी जांच
जिला प्रशासन हरदा के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, करीब एक महीने पूर्व ही फैक्टी की जांच हुई थी, जिसमें अधिकारियों को फैक्ट्री का संचालन ठीक मिला था, जिस वजह से उसे संचालित रहने दिया गया था। लेकिन उसके बाद से मालिक राजेश अग्रवाल ने बारुद का ओवर स्टॉक कर लिया होगा और हादसा होने की यही वजह रही होगी।
तीन साल पहले किया था सील
हरदा के मगरधा रोड पर स्थित जिस पटाखा फैक्टरी में मंगलवार को ब्लास्ट हुआ, वहां की कई बार शिकायतें भी हुई थीं तो वहीं तीन साल पहले भी यहां एक हादसा हुआ था। तब हादसे में एक ही परिवार की तीन महिलाओं की मौत हुई थी, जिस पर इस फैक्ट्री के मालिक राजेश अग्रवाल को जेल भी जाना पड़ा था। उसके बाद ही तत्कालीन एसपी ने फैक्ट्री के लाइसेंस को अवैध घोषित कर निरस्त करने का प्रस्ताव जिला प्रशासन को भेजा था। उस समय जिला कलेक्टर ने इसे अनफिट भी घोषित करते हुए सील किया था। लेकिन बाद में नर्मदापुरम के संभागायुक्त ने इसे वापस बहाल कर दिया।