भोपाल। उत्तराखंड के उत्तरकांशी जिले के जिस सिल्क्यारा टनल में 17 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद 41 मजदूरों को सकुशल बाहर निकाला गया है, उसमें मध्यप्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी अनुराग जैन ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भोपाल के कलेक्टर रह चुके अनुराग जैन मप्र कैडर के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं और वर्तमान में वे केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में सचिव हैं। अनुराग जैन बेहद ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी माने जाते हैं। वे मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव की दौड़ में भी थे, लेकिन इकबाल सिंह बैंस को मुख्य सचिव बना दिया गया था। अनुराग जैन इकबाल सिंह बैंस के बाद सबसे वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों में शामिल हैं। जैन से वरिष्ठ सिर्फ अजय तिर्की हैं, जो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर ही हैं।
ट्रांसपोर्ट एवं हाईवे मंत्रालय के अधीन ही इस टनल का निर्माण कार्य कराया जा रहा था। दीपावली के दिन 12 नवंबर को सुबह सिल्क्यारा टनल का एक हिस्सा गिरने के बाद 41 मजदूर टनल के अंदर फंस गए थे। जिन्हें निकालने के लिए केंद्र सरकर के ट्रांसपोर्ट एवं हाईवे मंत्रालय के साथ करीब डेढ़ दर्जन अन्य संस्थाओं को लगाया गया था। कड़ी मशक्कत के बाद बीती रात सभी 41 मजदूरों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है। सभी पूरी तरह से स्वस्थ हैं।
जैन के नेतृत्व में चल बचाव कार्य
जानकारी के अनुसार ट्रांसपोर्ट एवं हाईवे मंत्रालय के अधीन ही बचाव कार्य को शुरू किया गया था। हादसे के एक दिन बाद ही अनुराग जैन घटना स्थल पर पहुंच गए थे। वे लगातार वहां मौजूद रहकर पूरे राहत एवं बचाव कार्य की मानीटनिंग करते रहे। कब क्या करना है, कैसे बचाव कार्य करना है। अड़चनें आने के बाद दूसरे वैकल्पिक रास्ते खोजने वाले दल का नेतृत्व मप्र कैडर के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अनुराग जैन ही कर रहे थे। अनुराग जैन का नाम मध्यप्रदेश के नए मुख्य सचिव की दौड़ में भी रह चुका है। वर्तमान मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस रिटायर्ड हो रहे हैं। ऐसे में नए मुख्य सचिव के लिए वीरा राणा, मो. सुलेमान, एस एन मिश्रा, राजेश राजोरा जैसे कई सीनियर आईएएस के नाम इस पद के लिए चर्चा में थे।
प्र कैडर के जिन अधिकारियों को प्रदेश के मुख्य सचिव की दौड़ में शामिल माना जा रहा है, उनमें सबसे वरिष्ठ अनुराग जैन हैं। हालांकि वे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से अभी आने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में मप्र में पदस्थ अधिकारियों में ही मुख्य सचिव बनाया जाएगा।
क्या था उत्तरकाशी टनल मिशन
उत्तरकाशी में सिल्कयारा टनल का एक हिस्सा दीवाली की सुबह 12 नवंबर को ढह गया था। इसके बाद 41 मजदूर यहां टनल में फंस गए थे। इसके बाद से ही इन्हें निकालने के लिए बचाव कार्य शुरू किया गया था। इसके लिए 20 से अधिक अलग अलग एजेंसियों को यहां लगाया गया था। पूरा देश इन मजदूरों के सकुशल बाहर निकलने की दुआ कर रहा था। 17 दिन बाद मंगलवार को इन सभी मजदूरों को निकालने में सफलता मिली।