दिवाली से ठीक एक सप्ताह पहले रविवार 5 नवंबर को पुष्य नक्षत्र का दुर्लभ संयोग बन रहा है। रवि पुष्य के साथ अष्ट महायोग का ऐसा दुर्लभ संयोग पिछले 400 वर्षों में नहीं बना है। दिवाली से पहले शुभ कार्यों की शुरुआत के लिए ये दिन बेहद शुभ और महत्वपूर्ण रहेंगे। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, शनिवार सुबह करीब 8 बजे से पुष्य नक्षत्र शुरू होकर रविवार सुबह 10 बजे तक रहेगा।
शनि और रवि पुष्य के दो महामुहूर्तों में किए गए कार्य लाभकारी, स्थायी और शुभ रहेंगे। इन दोनों दिनों में आपको रियल एस्टेट में निवेश, नए प्रोजेक्ट शुरू करने, वाहन, आभूषण, कपड़े और अन्य चीजें खरीदने से अक्षय लाभ मिलेगा। घरेलू और ऑफिस उपयोग की चीजें खरीदना भी शुभ रहेगा। नया कार्य आरंभ करने, भूमि, भवन, वाहन, सोने-चांदी के आभूषण, बही-खाता आदि खरीदने के लिए दोनों दिन सर्वोत्तम हैं।
भारतीय ज्योतिष में 27 नक्षत्रों का विशेष महत्व है। पुष्य को 27 नक्षत्रों का राजा माना जाता है। इस नक्षत्र में की गई खरीदारी स्थायी समृद्धि प्रदान करती है। पुष्य नक्षत्र में सोना खरीदना विशेष शुभ माना जाता है। यह ऐसा नक्षत्र है कि यदि इसमें भूमि-भवन के रूप में स्थायी संपत्ति खरीदी जाए तो यह स्थायी सुख का कारक होता है। नया व्यवसाय शुरू करने से धीरे-धीरे प्रगति होती है। इस दिन बहीखाता, धार्मिक पुस्तकें, सोने, चांदी, तांबे, क्रिस्टल आदि से बनी मूर्तियां, यंत्र, सिक्के आदि खरीदना भी शुभ माना जाता है।
बता दें, 15 नवंबर तक तिथि, वार और नक्षत्रों से युक्त रवि पुष्य के साथ अष्ट महायोग का ऐसा दुर्लभ संयोग पिछले 400 वर्षों में नहीं बना है। इस दिन सर्वार्थसिद्धि, राजयोग, त्रिपुष्कर, अमृतसिद्धि और रवियोग बन रहा है। ये शुभ संयोग सुख-समृद्धि बढ़ाएंगे। विशेष योग संयोग के दौरान आभूषण खरीदना, नई संपत्ति या फ्लैट बुक करना फायदेमंद रहेगा। साथ ही नए कार्यों की शुरुआत भी सफल रहेगी। गाड़ी, सोना, चांदी, कपड़े और बर्तन की खरीदारी शुभ रहेगी। आभूषण, कार, भूमि, भवन, घरेलू सामान जैसे फ्रिज, टीवी आदि खरीदना शुभ साबित होगा। इस दौरान आप अपनी पसंदीदा चीजों की खरीदारी करके अपने घर में खुशियां ला सकते है |