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- 2023 सरकार ने आज जून की खुदरा महंगाई दर के आंकड़े जारी किये।
- सरकारी आंकड़ों के मुताबिक खुदरा महंगाई दर तीन महीने के उच्चतम स्तर 4.81 फीसदी पर पहुंच गई।
- सरकार द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि खुदरा मुद्रास्फीति में वृद्धि का मुख्य कारण खाद्य पदार्थों की ऊंची कीमतें हैं।
नई दिल्ली, सरकार ने आज जून में खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी कर दिए हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, जून में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर तीन महीने के उच्चतम स्तर 4.81 प्रतिशत पर पहुंच गई। सरकार द्वारा जारी आंकड़ो के मुताबिक खुदरा मुद्रास्फीति के बढ़ने का मुख्य कारण खाद्य पदार्थों की कीमतों में उछाल आना है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति मई में 4.31 प्रतिशत (4.25 प्रतिशत से संशोधित) और जून 2022 में 7 प्रतिशत थी।
कंट्रोल में महंगाई
आपको बता दें कि आरबीआई ने 6 प्रतिशत तक मुद्रास्फीति का अनुमान लगाया था जिसके हिसाब से खुदरा मुद्रास्फीति अभी आरामदायक स्तर के भीतर बनी हुई है। पिछला उच्च सीपीआई, मार्च में 5.66 प्रतिशत था। इसके अलावा सरकार ने केंद्रीय बैंक को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि खुदरा मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत पर बनी रहे। हालांकि इसके 2 प्रतिशत का उतार चढ़ाव की रियायत दी गई है।
खाद्य पदार्थों में करीब 3 फीसदी मुद्रास्फीति बढ़ी
खाद्य पदार्थों के लिए मुद्रास्फीति जून में 4.49 प्रतिशत थी, जो मई में 2.96 प्रतिशत से अधिक थी। खाद्य पदार्थ सीपीआई का लगभग आधा हिस्सा है। आपको बता दें कि 8 जून को हुए आरबीआई के मौद्रीक नीति समिति ने रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर रखने का फैसला लिया था।
मई में औद्योगिक उत्पादन 5.2 प्रतिशत बढ़ा
खुदरा महंगाई के अलावा सरकार ने आज यह भी बताया कि मई में भारत का औद्योगिक उत्पादन 5.2 फीसदी बढ़ा है। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक के संदर्भ में मापा जाने वाला कारखाना उत्पादन मई 2022 में 19.7 प्रतिशत बढ़ा।