- पार्टी के बड़े नेता अब खुलकर प्रदेश नेतृत्व के विरोध में बोल रहे हैं।
भोपाल। मध्य प्रदेश में छह महीने के अंदर कांग्रेस को दो बड़ी हार से तगड़ा झटका लगा है। विधानसभा चुनाव 2023 में करारी हार का दर्द अभी कम भी नहीं हुआ था कि लोकसभा चुनाव में पार्टी का राज्य में सफाया हो गया। यह स्थिति तब है जब भाजपा शासित दूसरे राज्यों में कांग्रेस और आईएनडीआई को उम्मीद से अच्छे परिणाम हासिल हुए। ऐसे में शांत बैठे पार्टी के बड़े नेता अब खुलकर प्रदेश नेतृत्व के विरोध में बोल रहे हैं।
तीनों नेता टारगेट पर
इस समय सबसे ज्यादा चर्चा पूर्व सीएम कमल नाथ, दिग्विजय सिंह और प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी की हो रही है। कमल नाथ और दिग्विजय सिंह की लीडरशिप में कांग्रेस विधानसभा चुनाव हारी। वहीं, जब पार्टी में जान फूंकने के लिए आलाकमान ने जीतू पटवारी को प्रदेश की कमान सौंपी तो उनके कार्यकाल में तीन विधायक समेत कई बड़े नेता उन पर आरोप लगाकर भाजपा में शामिल हो गए। अब कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं का बड़ा वर्ग जीतू पटवारी, कमल नाथ और दिग्विजय सिंह को हार का जिम्मेदार बताकर आरोपों की बौछार कर रहा है। वहीं, दूसरा वर्ग कांग्रेस आलाकमान से संगठन की समीक्षा की मांग कर रहा है।