देश भर में मोदी सरकार के 9 साल होने की खुशियां मनाई जा रही हैं। इसी बीच दिल्ली के तीन मूर्ति भवन में स्थित नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय सोसायटी का नाम बदलकर ‘प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्कालय सोसायटी’ कर दिया है। सरकार के इस फैसले के बाद देश भर में सियासत गर्मा गए, जहां एक ओर कांग्रेस इसके विरोध में उतरु है तो दूसरी ओर भाजपा पलटवार में पलटवार किए जा रही है।
ज्ञात हो तीन मूर्ति भवन में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु का आवास था। जिसे एनएमएमएल की विशेष बैठक में संस्कृति मंत्रालय ने नाम बदलकर प्रधानमंत्री कर दिया। ज्ञात हो इस बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की थी।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दी तीखी प्रतिक्रिया
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने नेहरू स्मारक संग्रहालय का नाम बदले जाने पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया, ”जिनका कोई इतिहास ही नहीं है वो दूसरों के इतिहास को मिटाने चले हैं! नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी का नाम बदलने के कुत्सित प्रयास से, आधुनिक भारत के शिल्पकार और लोकतंत्र के निर्भीक प्रहरी, पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की शख्सियत को कम नहीं किया जा सकता. इससे केवल बीजेपी-आरएसएस की ओछी मानसिकता और तानाशाही रवैये का परिचय मिलता है.”
प्रधानमंत्री संग्रहालय में हर पीएम को सम्मान मिला- जेपी नड्डा
बीजेपी अध्यक्ष ने एक और ट्वीट में लिखा, ”इस मुद्दे पर कांग्रेस का रवैया विडंबनापूर्ण है क्योंकि उनकी पार्टी (Congress) का एकमात्र योगदान पिछले सभी प्रधानमंत्रियों की विरासत को मिटाना है ताकि सुनिश्चित हो सके कि सिर्फ एक परिवार की विरासत बची रहे.”
बीजेपी नेता जेपी नड्डा ने ट्वीट थ्रेड में आगे लिखा, ”प्रधानमंत्री संग्रहालय में हर पीएम को सम्मान मिला है. पंडित नेहरू से जुड़े सेक्शन में बदलाव नहीं किया गया है. इसके उलट, इसकी प्रतिष्ठा बढ़ा दी गई है. एक ऐसी पार्टी जिसने 50 से ज्यादा वर्षों तक भारत पर राज किया, उनकी तंगदिली वाकई दुखद है. यही वजह है कि लोग उन्हें नकार रहे हैं.”