सड़क परिवहन के क्षेत्र में मोदी सरकार लगातार नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है। कम समय में सड़क मार्ग को बेहतर करने में सरकार ने इतिहास रचा है। ऐसी ही तैयारी में सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारका एक्सप्रेसवे को पूरा करने में जुटा हुआ है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज यानी गुरुवार को इसकी तैयारी का मुआयना किया।
नितिन गडकरी ने कहा कि अगले साल अप्रैल 2024 तक यह एक्सप्रेसवे का काम पूरा हो जाएगा। 9000 करोड़ रुपये की लागत से 29.6 किलोमीटर लंबाई का देश का पहला एलिवेटेड 8-लेन एक्सेस कंट्रोल द्वारका एक्सप्रेसवे है, जो जनता के लिए अगले साल उपलब्ध हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा में 18.9 किमी सिंगल पिलर और दिल्ली में 10.1 किमी लंबे सिंगल पिलर पर 34 मीटर चौड़ा एक्सप्रेस-वे बनाया जा रहा है। इस एक्सप्रेसवे का सड़क नेटवर्क चार स्तरों का है। उन्होंने कहा कि टनल, अंडरपास, ग्रेड रोड, एलिवेटेड रोड और फ्लाईओवर पर फ्लाईओवर का निर्माण किया जा रहा है। एक्सप्रेसवे के दोनों ओर थ्री लेन सर्विस रोड का निर्माण किया जा रहा है। दिल्ली में इस एक्सप्रेसवे पर देश की सबसे चौड़ी 3.6 किलोमीटर लंबी 8 लेन की सुरंग बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि इससे हरियाणा और पश्चिमी दिल्ली के लोगों का इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से संपर्क बेहतर होगा।
हरियाणा में यह एक्सप्रेसवे हरसरू के पास पटौदी रोड (एसएच-26) और बसई के पास फरुखनगर (एसएच-15ए) पर मिलेगा, इसके अलावा, यह गुड़गांव सेक्टर-88 (बी) के पास दिल्ली- रेवाड़ी रेल लाइन और भरथल में यूईआर-II को क्रॉस करेंगा। उन्होंने कहा कि एक्सप्रेस-वे गुड़गांव के सेक्टर-21 को सेक्टर-88, 83, 84, 99, 113 और द्वारका को ग्लोबल सिटी से जोड़ेगा। उन्होंने कहा कि इस पूरे एक्सप्रेसवे में इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम (आईटीएस) सुविधा होगी।
गडकरी ने यह भी बताया कि चार पैकेज में बन रहे द्वारका एक्सप्रेसवे के दिल्ली में 2507 करोड़ रुपए की लागत से और 5.9 किमी लंबाई के महिपालपुर के शिव मुर्ति से बिजवासन तक के खंड का 60% कार्य पूर्ण हुआ है। 2068 करोड़ रुपए की लागत से 4.2 किमी लंबे बिजवासन आरओबी से गुरुग्राम में दिल्ली-हरियाणा सीमा तक के खंड का 82% कार्य पूर्ण हुआ है। गुरुग्राम में 2228 करोड़ रुपए की लागत से 10.2 किमी लंबाई के दिल्ली-हरियाणा सीमा से बसई आरओबी तक के खंड का 93% कार्य पूरा हुआ है और 1859 करोड़ रुपए की लागत से 8.7 किमी लंबाई के बसई आरओबी से खेरकी दौला (क्लोवरलिफ इंटरचेंज) तक के खंड का 99% कार्य पूर्ण हुआ है।
बुर्ज खलीफा में इस्तेमाल हुए क्रंकीट से छह गुना अधिक है इस एक्सप्रेसवे पर
अनेक विशेषताओं से बन रहे द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण में 2 लाख मैट्रिक टन स्टील का उपयोग हो रहा है, जो एफिल टॉवर में इस्तेमाल हुए स्टील से 30 गुना अधिक है। एक्सप्रेसवे के निर्माण में 20 लाख घन मीटर कंक्रीट का उपयोग किया जा रहा है, जो बुर्ज खलीफा में इस्तेमाल हुए कंक्रीट से 6 गुना अधिक है। देश में पहली बार इस एक्सप्रेसवे में 12 हजार वृक्षों का ट्रान्सप्लांट किया गया है। दिल्ली – गुड़गाव के बीच प्रतिदिन वाहनों का भारी दबाव रहता है, जिससे इस मार्ग पर ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती है। द्वारका एक्सप्रेसवे बनने से इस मार्ग में जाम की समस्या हल होगी।
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