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पटवारी, आरआई से रिकार्ड अपडेट करने का छिनेगा अधिकार, तहसीलदारों के बढ़ेंगे पावर

राजस्व विभाग जल्द लेगा निर्णय, तहसीलदार होंगे गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार

भोपाल। जमीन के रिकॉर्ड में हेराफेरी करने वाले पटवारियों और राजस्व निरीक्षकों के अधिकार कम करने की तैयारी राजस्व विभाग ने शुरू कर दिया है। विभाग द्वारा इनसे रिकॉर्ड में सुधार का काम करने के अधिकार छीनने की तैयारी की जा रही है। इसके बाद प्रदेश में अब राजस्व रिकार्ड में बदलाव संबंधी सारे काम सिर्फ तहसीलदार ही करेंगे। इसको लेकर जल्द ही राजस्व विभाग द्वारा प्रस्ताव तैयार कर शासन से मंजूरी के लिए लाया जाएगा। 

पटवारी और राजस्व निरीक्षकों द्वारा किए जाने वाले हेरफेर को देखते हुए राज्य सरकार इनके पॉवर छीनकर सारे अधिकार तहसीलदारों को देने जा रही है। राजस्व अफसरों के अनुसार इस पर जोर इसलिए दिया जा रहा है ताकि लैंड रिकार्ड का अपडेशन सीधे तहसीलदार द्वारा किया जाने से जहां एक ओर समय की बचत होगी वहीं दूसरी ओर राजस्व निरीक्षकों और पटवारियों द्वारा की जाने वाली चूक की संभावनाएं भी शून्य होंगी।

इसलिए तहसीलदार ही इस पूरे काम को देखेंगे तो सीधे तौर पर उनकी जिम्मेदारी भी तय की जा सकेगी। ऐसे में खसरा, खतौनी, नक्शे में अपडेशन की जिम्मेदारी आने वाले समय में तहसीलदारों के ही हवाले होगी। सूत्रों का कहना है कि अक्सर पटवारी व नगर सर्वेक्षकों द्वारा की जाने वाली प्रविष्टि में गड़बड़ की शिकायतें आती हैं, इसलिए इस तरह के बदलाव किए जाने की तैयारी है। भू राजस्व संंहिता में संशोधन के जरिये ये अधिकार सिर्फ नायब तहसीलदारों को ही रहेंगे।

गौरतलब है कि पटवारियों और राजस्व निरीक्षकों द्वारा किए जाने वाले अपडेशन में सरकारी जमीन के कालम में निजी भूमि स्वामी का नाम दर्ज करने के हजारों मामले प्रदेश में आ चुके हैं जिसके बाद सरकार को शासकीय भूमि वापस पाने के लिए कोर्ट के चक्कर काटने पड़ते हैं। अफसरों का कहना है कि इसमें हालांकि कमी आई है पर इस तरह का बदलाव हुआ तो ऐसे मामले सख्ती से रुक सकेंगे। 

अभी पटवारी से रिकॉर्ड सुधार कराते हैं तहसीलदार

प्रदेश में जो व्यवस्था अभी लागू है उसके अनुसार पटवारी या सेक्टर के राजस्व निरीक्षक के पास लैंड रिकार्ड की कोई हार्ड कॉपी (पटवारी बस्ता) नहीं है। लैंड रिकार्ड में भूमि के किसी धारक या भूमि स्वामी या सरकारी पट्टेदार के खसरा व खतौनी में पहले से दर्ज नाम में जब तक राजस्व न्यायालय से कोई आदेश या संशोधन या परिवर्तन हो तो तब तक उसे नहीं बदला जा सकता।

नब्बे फीसदी मामलों में बदलाव तहसीलदार के आदेश से ही किए जाते हैं और अपील व पुनरीक्षण जैसे अन्य मामले में वरिष्ठ न्यायालयों के कम केस सामने आते हैं। जब वरिष्ठ न्यायालयों से परिवर्तन संबंधी आदेश आते हैं तो उसमें भी पालन के लिए तहसीलदार को ही आदेशित किया जाता है और इसका पालन पटवारी या नगरीय क्षेत्र में सेक्टर के राजस्व निरीक्षक के जरिये तहसीलदार द्वारा कराया जाता है। 

Right to update records will be snatched from Patwari, RI, Tehsildar’s power will increase.

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