राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट के सामने उनके लिए अंतरिम संरक्षण की मांग की थी, इस पर जस्टिस हेमंत प्रच्छक ने किसी तरह की अंतरिम सुरक्षा देने से इनकार किया है। हाई कोर्ट की छुट्टियां समाप्त होने के बाद कोर्ट फैसला सुनाएगी। शिकायतकर्ता पुरुणेश मोदी के वकील निरुपम नानवती के पक्ष को सुनने के बाद सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने बेंच के सामने उनके सभी आरोपों को खारिज किया और कहा कि जो आरोप राहुल गांधी पर लगाए जा रहे हैं वह कहीं से भी नैतिक अधमता के में सही नहीं साबित होते है। सिंघवी ने अपराध को गैर गंभीर और जमानती अपराध बताते हुए दोषसिद्धि को सस्पेंड किए जाने की अपील की है।
13 अप्रैल को हुई थी सुनवाई इसके पहले इस मामले पर 13 अप्रैल को सूरत कोर्ट के जज मोगेरा ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनी थीं और फैसला सुरक्षित रख लिया था। मोदी सरनेम का है पूरा मामला 2019 में बेंगलुरु में चुनावी रैली के दौरान राहुल के दिए गए के बयान से जुड़े मामले में उनके ऊपर मानहानि के केस में 2 साल की सजा सुनाई गई है। गौरतलब है कि राहुल ने रैली में कहा था कि हर चोर का सरनेम मोदी क्यों होता है। इस बयान पर गुजरात के भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने मानहानि का केस दाखिल किया था। जिस पर 23 मार्च को अदालत ने फैसला सुनाया और अगले दिन उनकी संसद सदस्यता भी रद्द कर दी गई थी।