भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद अब कांग्रेस पार्टी में नेता प्रतिपक्ष को लेकर दौड़ शुरू होने जा रही। प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष नेता प्रतिपक्ष का पद बहुत पहले छोड़कर डॉ. गोविंद सिंह को दे दिया था। इस विधानसभा चुनाव में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह भी चुनाव हार गए हैं। ऐसे में मध्यप्रदेश का नया नेता प्रतिपक्ष कौन होगा इसको लेकर चर्चा तेज हो गई है। दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह, युवा चेहरा जीतू पटवारी और वरिष्ठ नेता व कमलनाथ के करीबी सज्जन सिंह के साथ भोपाल दक्षिण-पश्चिम से विधायक व कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के विश्वसनीय पीसी शर्मा भी चुनाव हार चुके हैं। ऐसे में नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह का नाम तेजी से उभरा है। लेकिन अजय सिंह को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने की संभावना बहुत अधिक नहीं दिख रही है।
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी आदिवासी वोट बैंक को साधने की कोशिश करेगी। क्यों कि प्रदेश के 47 आदिवासी विधानसभा सीटों में कांग्रेस को 22 और भाजपा को 24 सीटें मिली हैं। इसका मतलब स्पष्ट है कि करीब 45 प्रतिशत आदिवासी वोट कांग्रेस को मिले हैं। बहुत हद तक संभव है कि आदिवासी हितैषी होने का भाजपा का मुद्दा छीनने के लिए कांग्रेस पार्टी भी किसी आदिवासी को नेता प्रतिपक्ष बना सकती है।
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सिंघार, बच्चन और मरकाम संभावित चेहरे
अगर कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव को देखते हुए आदिवासी विधायक को नेता प्रतिपक्ष बनाना चाहेगी तो वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री उमंग सिंघार, बाला बच्चन और ओमकार सिंह मरकाम का नाम सबसे ऊपर आएगा। तीनों कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे हैं। सिंघार राष्ट्रीय सचिव भी रहे हैं और राहुल गांधी के विश्वसनीय माने जाते हैं। बाला बच्चन उप नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं। इसी तरह पूर्व मंत्री ओमकार सिंह मरकार प्रदेश के इकलौते नेता हैं जो पार्टी की शीर्ष समिति में शामिल हैं।
सिंघार के ट्वीट से बढ़ी हलचल
आज प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कमलनाथ, दिग्विजय सिंह व अन्य वरिष्ठ नेता पार्टी की हार को लेकर समीक्षा कर रहे हैं। समीक्षा बैठक में सभी 230 विधानसभा उम्मीदवारों को बुलााय गया है, जिनमें हारे हुए प्रत्याशियों के साथ जीते हुए विधायक भी शामिल हैं। संभव है कि नेता प्रतिपक्ष को लेकर भी चर्चा हो। इसी बीच आज सुबह प्रदेश की पूर्व मुख्यंत्री स्व. जमुदा देवी के भतीजे और कद्दावर आदिवासी नेता उमंग सिंघार ने एक ट्वीट कर पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह से माफी मांगी है। दरअसल कमलनाथ सरकार में मंत्री रहते हुए उमंग सिंघार ने दिग्विजय सिंह पर कई गंभीर आरोप लगाए थे और पार्टी नेताओं के कहने के बावजूद माफी नहीं मांगी थी।
लेकिन अभी बिना किसी बात के दिग्विजय सिंह से सिंघार द्वारा माफी मागे जाने को नेता प्रतिपक्ष पद के लिए सिंह का समर्थन हासिल करना माना जा रहा है। कांग्रेस सूत्रों की मानें मो उमंग सिंघार नेता प्रतिपक्ष बनना चाहते हैं और वे जानते हैं कि दिग्विजय सिंह की बिना सहमति के कमलनाथ उन्हें नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाएंगे। ऐसे में दिग्विजय सिंह से माफी मांगना ही उमंग सिंघार ने उचित समझा।