Home » विवेकानंद रॉक मेमोरियल में ध्यान में बैठे प्रधानमंत्री मोदी

विवेकानंद रॉक मेमोरियल में ध्यान में बैठे प्रधानमंत्री मोदी

  • कन्याकुमारी के प्रसिद्ध विवेकानंद रॉक मेमोरियल में 45 घंटे की ध्यान साधना शुरू की।
  • तट से करीब 500 मीटर दूर समुद्र में चट्टान पर स्थित विवेकानंद रॉक मेमोरियल पहुंचे और ध्यान शुरू किया जो एक जून तक चलेगा।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार शाम से देश के सबसे दक्षिणी छोर पर स्थित कन्याकुमारी के प्रसिद्ध विवेकानंद रॉक मेमोरियल में 45 घंटे की ध्यान साधना शुरू की। कन्याकुमार पहुंचने के बाद उन्होंने भगवती अम्मन मंदिर में पूजा-अर्चना की। उसके बाद वो नौका पर सवार होकर तट से करीब 500 मीटर दूर समुद्र में चट्टान पर स्थित विवेकानंद रॉक मेमोरियल पहुंचे और ध्यान शुरू किया जो एक जून तक चलेगा। रॉक मेमोरियल पहुंचने के बाद उन्होंने ‘ध्यान मंडपम’ में अपना ध्यान शुरू किया।

45 घंटों का मौनव्रत

आइए जरा जान लें कि 45 घंटे के ध्यान के दौरान पीएम मोदी की दिनचर्या कैसी रहेगी। जानकारी के अनुसार, 45 घंटे के दौरान पीएम मोदी सिर्फ तरल आहार लेंगे। वो नारियल पानी का सेवन करेंगे। अंगूर के जूस का सेवन करेंगे। प्रधानमंत्री इस दौरान मौनव्रत का पालन करेंगे। वहीं, वो ध्यान कक्ष से बाहर नहीं आएंगे।

स्वामी विवेकानंद ने देखा था विकसित भारत का सपना

बता दें कि यह स्मारक स्वामी विवेकानंद की याद में ही बनाया बनाया गया है, जिन्होंने देशभर का दौरा करने के बाद 1892 के अंत में समुद्र के अंदर इन चट्टानों पर तीन दिन ध्यान लगाया था और विकसित भारत का सपना देखा था। इस स्थान पर स्वामी विवेकानंद ने तीन दिनों तक ध्यान लगाया था और विकसित भारत का सपना देखा था। इस स्थान का नाम स्वामी विवेकानंद की याद में ही विवेकानंद रॉक मेमोरियल रखा गया है। यह भारत का सुदूर दक्षिण का हिस्सा है, जहां पर कि पूर्वी व पश्चिमी घाट आपस में मिलते हैं।

मां पार्वती ने की थी साधना

यह मेमोरियल हिंद महासागर, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी का भी मिलन स्थल है। देखने वाली बात ये है कि प्रधानमंत्री मोदी ने भी चुनाव प्रचार के दौरान 2047 तक विकसित भारत का निर्माण प्रमुख मुद्दा बनाया है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, देवी पार्वती ने इसी स्थान पर एक पैर पर खड़े होकर भगवान शिव का इंतजार किया था। दरअसल विवेकानंद रॉक मेमोरियल का स्थान स्वामी विवेकानंद के जीवन में सबसे अहम माना जाता है। जिस तरह से गौतम बुद्ध ने सारनाथ में अपना पहला उपदेश दिया था । उसी तरह पूरे देश का भ्रमण करने के बाद स्वामी विवेकानंद के ध्यान में भारत माता का विकसित स्वरूप सामने आया था।

Related News

Swadesh Bhopal group of newspapers has its editions from Bhopal, Raipur, Bilaspur, Jabalpur and Sagar in madhya pradesh (India). Swadesh.in is news portal and web TV.

@2023 – All Right Reserved. Designed and Developed by Sortd