प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आजादी के बाद भारत को जो बना बनाया बहुत बड़ा रेलवे नेटवर्क मिला था, तब की सरकारें चाहती तो बहुत तेजी से रेलवे को आधुनिक बना सकती थी, लेकिन राजनीतिक स्वार्थ के लिए, लुभावने वादों के लिए रेलवे के विकास को ही बलि चढ़ा दिया गया। हालात यह थी कि आजादी के इतने दशकों बाद भी हमारे नार्थईस्ट के राज्य ट्रेन से नहीं जुड़े थे। 2014 में जब इस देश की जनता नेें मुझे सेवा का अवसर दिया तो मैने तय किया कि अब ऐसा नहीं होगा, रेलवे का कायाकल्प होगा। हमारा यही प्रयास रहा है कि भारतीय रेल दुनिया का श्रेष्ठ रेल नेटवर्क कैसे बने। 2014 के पहले की स्थिति देश की जनता भली-भांती जानती है। पहले कई घटनाएं सामने आती रहती थी, आज सुरक्षा, साफ-सफाई सहित अन्य व्यवस्थाओं में बहुत बदलाव किए गए हैं। टिकटों की कालाबाजारी पहले शिकायतों में सामान्य बातें थीं, लेकिन आज टेक्रालॉजी का इस्तेमाल कर हमने ऐसी कई समस्याओं का समाधान किया है। आज देश के सभी स्टेशनों का आधुनिकरण किया जा रहा है। देश के 6 हजार स्टेशनों पर वाईफाई की सुविधा है, 900 से ज्यादा प्रमुख स्टेशनों पर सीसीटीवी लगाने का काम पूरा हो चुका है। वदें भारत ट्रेन
मप्र को अब दोगुना रेलवे बजट :
मोदी ने कहा कि रेलवे यात्रियों की सुविधाएं बढ़ाने का यह अभियान लगातार बहुत तेजी से चल रहा है। इस साल भी बजट में रेलवे को रिकार्ड धनराशि दी गई है। एक समय था जब रेलवे के विकास की बात होते ही घाटे की बात की जाती थी, लेकिन अगर विकास की इच्छाशक्ति हो, नियत साफ हो और निष्ठा पक्की हो, तो नए रास्ते भी निकल ही आते हैं। बीते 9 वर्षों में हमने रेलवे के बजट को लगातार बढ़ाया है। मप्र के लिए भी इस बार 13 हजार करोड़ रूपए से अधिक का रेलवे बजट आवंटित किया गया है। जबकि 2014 से पहले मप्र के लिए हर वर्ष औसतन 600 करोड़ रूपए रेलवे बजट था। तब से अब बहुत अंतर है।
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मप्र आज पुराने दिनों को पीछे छोड़ चुका है :
प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे खुशी है कि मप्र आज पुराने दिनों को पीछे छोड़ चुका है। अब मप्र निरंतर विकास की नई गाथा लिख रहा है। खेती हो या उद्योग आज मप्र का सामथ्र्य भारत के सामथ्र्य को विस्तार दे रहा है। विकास के जिन पैमाने पर कभी मप्र को बीमारू कहा जाता था, उनमें से अधिकतर में आज मप्र का प्रदर्शन प्रशंसनीय है। आज मप्र गरीबों के घर बनाने, हर घर जल पहुंचान ेके लिए अग्रणी राज्यों में है। गेहूं सहित अन्य फसलों के उत्पादन में भी हमारे मप्र के किसान नए रिकार्ड बना रहे हैं। उद्योगों के मामले में भी अब यह राज्य निरंतर नए कीर्तिमानों की तरफ बढ़ रहा है। इस सब प्रयासों से यहा युवाओं के लिए अनंत अवसरों की संभावनाएं भी बन रही हैं।
हर भारतीय आज मोदी का सुरक्षा कवच :
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे देश में कुछ लोग हैं, जो 2014 के बाद से ही यह ठान कर बैठे हैं, जनता के बीच बोले भी है और उन्होने अपना संकल्प भी घोषित किया है कि मोदी की छवि को धूमिल करके रहेंगे। इसके लिए इन लोगों ने भांती-भांती के लोगों को सुपारी दे रखी है और खुद भी मोर्चा संभाले हुए हैं। इन लोगों का साथ देने के लिए कुछ देश के अंदर हैं और कुछ देश के बाहर भी बैठकर अपना काम कर रहे हैं। यह लोग लगातार कोशिश करते रहे हैं कि किसी तरह मोदी की छवि को धूमिल कर दें, लेकिन आज भारत के गरीब, भारत का मध्यमवर्ग, भारत के आदिवासी, दलित-पिछड़े, हर भारतीय आज मोदी का सुरक्षा कवच बना हुआ है। इसलिए यह लोग बौखला गए हैं, नए-नए पैंतरे अपना रहे हैं। उन्होने जनता से आव्हान किया कि इनकी साजिशों के बीच आपकों और हर देशवासी को देश के विकास पर ध्यान देना है, राष्ट्र विकास पर ध्यान देना है। राष्ट्र निर्माण पर ध्यान देना है। हमें विकसित भारत में मप्र की भूमिका को और बढ़ाना है। यह नई वंदे भारत एक्सप्रेस इसी संकल्प का हिस्सा है।
सफर कर रहे है बच्चों और यात्रियों से किया संवाद :
वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ट्रेन में सफर कर रहे स्कूली बच्चों से संवाद किया। इस दौरान बच्चों ने कविता के माध्यम से ट्रेन खूबियों और देश के विकास की बात कही। कुछ बच्चों ने प्रधानमंत्री को हाथ से बनाई उनकी पेंटिंग भी भेंट की। प्रधानमंत्री में बच्चों के साथ ही ट्रेन में मौजूद अन्य यात्रियों से भी बात की। इस ट्रेन के पहले फेरे में गणमान्य नागरिकों के साथ करीब 212 स्कूली बच्चें भी सफ र कर रहे हैं। राजधानी के अलग-अगल स्कूलों से कक्षा 9वीं से 12वीं तक के यह विद्यार्थी हैं। जिनका चयन निबंध लेखन प्रतियोगिता के आधार पर किया गया है।