नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। प्रधानमंत्री ने व्यंग्य और कटाक्ष के माध्यम से विपक्ष के सभी सवालों का जवाब भी दिया। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर सबसे ज्यादा निशाना साधा। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोगों में इतना हौसला नहीं बचा है कि वे अब चुनाव लड़ सकें, ऐसे में वे लोग अपनी सीट बदलना चाहते हैं। इतना ही नहीं कुछ लोग तो राज्यसभा का रास्ता ढूंढने में लगे हुए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की जनता का मूड स्पष्ट दिख रहा है। यह जनता अब कहने लगी है कि भाजपा को 370 और एनडीए को 400 सीट पार पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि अब वह दिन ज्यादा दूर नहीं है जब हम अपने तीसरे कार्यकाल में प्रवेश करेंगे। उन्होंने कहा कि हमने अपने पहले कार्यकाल में यूपीए के शासनकाल के गड्ढे भरने में लगाए। दूसरे कार्यकाल में नए भारत का संकल्प रखा और उसे हासिल किया। यह सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में विकसित भारत के संकल्प को पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि अपने तीसरे कार्यकाल में भारत को अगले 1000 वर्षो की मजबूत नींव रखने का होगा। लोगों को विश्वास है कि मोदी है तो गारंटी है। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने जो संकल्प लिया है, उसकी सराहना करता हूं, उनके भाषण से यह संकल्प पक्का हो गया है कि उन्हें लंबे समय तक वहीं रहना है। प्रधानमंत्री ने विपक्ष की इस हालत के लिए कांग्रेस को ही सबसे बड़ा दोषी ठहराया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में देश की नारी शक्ति, युवा शक्ति, गरीब और हमारे किसान, मछुआरों की चर्चा की है। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या जब देश के युवा की बात होती है तो सभी वर्ग के युवाओं की बात नहीं होती? क्या जब महिलाओं की बात होती है तो देश की सभी महिलाएं उसमें नहीं आती? कब तक टुकड़ो में सोचते रहेंगे? कब तक समाज को बांटते रहेंगे?
परिवारवाद की बताई परिभाषा
प्रधानमंत्री ने एक बार फिर परिवारवाद पर हमला बोला। उन्होंने परिवारवाद की परिभाषा भी बताई। उन्होंने कहा कि एक ही परिवार के एक से अधिक लोग अगर जनता के आशीर्वाद से राजनीति में आते हैं, तो वो परिवारवाद नहीं है। लेकिन कोई एक ही परिवार की अगर पार्टी हो, वो ही सभी फैसले लेती हो, उसी परिवार को बार-बार आगे बढ़ाया जाए, तो वो परिवारवाद है। जो पार्टी परिवार के लोगों को प्राथमिकता देती है। जिस पार्टी के सारे निर्णय परिवार के लोग की करते हैं। वे परिवारवाद है। राजनाथ सिंह और अमित शाह की कोई राजनीतिक पार्टी नहीं है। इसलिए जहां एक परिवार को पार्टियां लिखी जाती है वे लोकतंत्र में उचित नहीं है। एक परिवार के 10 लोग राजनीति में आए कुछ बुरा नहीं है।
कांग्रेस आई महंगाई लाई
प्रधानमंत्री मोदी ने महंगाई के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जब—जब आई है महंगाई लाई है। इसके लिए उन्होंने जवाहर लाल नेहरू के पहले और तीसरे कार्यकाल में दिए गए भाषणों का उल्लेख भी किया। उन्होंने बताया कि कैसे कांग्रेस शासनकाल के प्रधानमंत्री महंगाई के आगे अपनी लाचारी दिखाते थे। उन्होंने कहा कि देश में महंगाई पर दो गाने सुपरहिट हुए- ‘महंगाई मार गई’ और ‘मेहंगाई डायन खाये जात है’। ये दोनों गाने कांग्रेस के शासनकाल में आए। 1974 में इंदिरा गांधी के शासनकाल में महंगाई 30 प्रतिशत तक पहुंच चुकी थी। यूपीए के कार्यकाल में महंगाई डबल डिजिट में थी, इसे नकार नहीं सकते। उसपर उनकी सरकार का तर्क क्या था? असंवेदनशीलता, यह कहा गया था कि महंगी आइसक्रीम खा सकते हो तो महंगाई का रोना क्यों रोते हो?”
राहुल पर किया तीखा कटाक्ष
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम लिए बिना जमकर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि आजकल कोई मोटर मैकेनिक बना फिर रहे हैं। अच्छा है जो नए काम सीख रहे हैं। इससे उन्हें गाड़ियों के एलाइनमेंट की समझ तो हो गई होगी। हालांकि इस एलाइनमेंट की समझ में एलायंस का एलाइनमेंट ही बिगड़ गया है। उन्होंने कांग्रेस पर व्यंग्य करते हुए कहा कि बार—बार एक ही प्रोडक्ट को लॉन्च करने का प्रयास किया जा रहा है।
लोकसभा में मोदी का नेहरू और इंदिरा पर सीधा हमला
पीएम मोदी ने लोकसभा में कहा कि कांग्रेस ने देश के सामर्थ्य पर कभी भी विश्वास नहीं किया। वे अपने आप को शासक मानते रहे। जनता जनार्दन को छोटा आंकते रहे। देश के नागरिकों को कैसे सोचते हैं, मैं नाम बोलूंगा तो उनको चुभन होगी। 15 अगस्त को लालकिले से नेहरू ने कहा था- हिंदुस्तान में मेहनत करने की आदत आमतौर पर नहीं है। हम इतना काम नहीं करते, जितना यूरोप, जापान या चीन और अमेरिका वाले करते हैं। यह न समझिए कि वह कौमें कोई जादू से खुशहाल हो गई। वे मेहनत और अक्ल से हुई हैं। पीएम मोदी ने नेहरू पर वार करते हुए कहा कि वे भारत के लोगों को नीचा दिखाकर उनको सर्टिफिकेट दे रहे थे। नेहरू जी की भारतीयों के लिए सोच थी कि वे आलसी और कम अक्ल के लोग होते हैं। इंदिरा जी की सोच भी इससे ज्यादा अलग नहीं थी। इंदिरा जी ने जो लाल किले से 15 अगस्त को कहा था- दुर्भाग्यवश हमारी आदत यह है कि जब कोई शुभ काम पूरा होने को होता है तो हम आत्मतुष्टि की भावना से ग्रस्त हो जाते हैं। और जब कोई कठिनाई आ जाती है तो हम नाउम्मीद हो जाते हैं। कभी कभी तो ऐसा लगने लगता है कि पूरे राष्ट्र ने ही पराजय भावना को अपना लिया है।
रोजगार पर भी गिनाई उपलब्धियां
प्रधानमंत्री ने बताया कि देश में रोजगार के कई अवसर खुले हैं। पर्यटन के विकास ने रोजगार मुहैया कराने का काम किया है। स्टार्टअप से लाखों बेरोजगारों को नौकरी मिली है। इतना ही नहीं देश में विमानन सेवा के विकास से रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि देश में 1000 एयरक्राफ्ट के ऑर्डर मिले हैं। इससे नए रोजगार पैदा होंगे। इसमें पायलट से लेकर इंजीनियर, ग्राउंड स्टाफ और इससे जुड़े कई क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बनेंगे।