प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर ‘धन्यवाद प्रस्ताव’ का जवाब देते हुए कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके विचार पुराने हो गए हैं और अपना काम आउटसोर्स कर दिया है। पीएम ने कांग्रेस पर देश को विभाजित करने के लिए कहानियां गढ़ने का भी आरोप लगाया और कहा कि पार्टी अब उत्तर-दक्षिण विभाजन पैदा करने की कोशिश कर रही है।
पीएम मोदी ने राज्यसभा में पढ़ी पंडित नेहरू की चिट्ठी
प्रधानमंत्री ने कहा ‘जाति के मामले पर कांग्रेस अपने गिरेबान में झांके। दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों की कांग्रेस जन्मजात विरोधी है, अगर बाबा साहेब आंबेडकर नहीं होते तो पता नहीं एससी, एसटी को आरक्षण भी मिलता या नहीं। मैं आदरपूर्वक नेहरू जी को ज्यादा याद करता हूं। एक बार नेहरू जी ने एक चिट्ठी लिखी और ये चिट्ठी मुख्यमंत्रियों को लिखी थी। उन्होंने लिखा था- ‘मैं किसी भी आरक्षण को पसंद नहीं करता और खासकर नौकरी में आरक्षण तो कतई नहीं। मैं ऐसे किसी भी कदम के खिलाफ हूं, जो अकुशलता को बढ़ावा दे, जो दोयम दर्जे की तरफ ले जाए।’ तभी मैं इन्हें जन्मजात विरोधी कहता हूं। उन्होंने लिखा ‘नौकरियों में आरक्षण मिला तो सरकारी कामकाज का स्तर गिर जाएगा। अगर उस समय नौकरियों में भर्ती होते तो आज प्रमोशन पाकर यहां होते।’
‘नेहरू जी ने जो कहा, वो कांग्रेस के लिए हमेशा से पत्थर की लकीर होता है। मैं अनगिनत उदाहरण दे सकता हूं और वो मैं जम्मू कश्मीर का देना चाहूंगा। नेहरू ने कश्मीर के एससी, ओबीसी और एसटी को सात दशकों तक उनके अधिकारों से वंचित रखा। हमने आर्टिकल 370 को निरस्त किया, तब जाकर इतने दशकों के बाद एसटी,एससी ओबीसी को वो अधिकार मिले, जिन्हें रोक कर रखा गया था। जम्मू कश्मीर में फोरेस्ट राइट एक्ट, प्रिवेंशन ऑफ एट्रोसिटी एक्ट नहीं था, ये हमने 70 हटाकर अधिकार दिए। हमारे एससी समुदाय में भी सबसे पीछे बाल्मिकी समाज रहा, लेकिन हमारे बाल्मिकी परिवारों को जम्मू कश्मीर में डोमिसाइल का अधिकार नहीं दिया गया। मैं आज देश को भी अवगत करना चाहता हूं कि स्थानीय निकायों में आरक्षण के लिए कल 6 फरवरी को विधेयक लोकसभा में बिल पारित हो गया।’
विपक्ष पर जमकर बोला हमला
राष्ट्र हमारे लिए सिर्फ जमीन का टुकड़ा नहीं है। हम सभी के लिए यह एक प्रेरणादायक इकाई है। यदि शरीर का एक अंग काम नहीं करता है, तो पूरा शरीर अक्षम माना जाता है। उसी तरह, अगर देश का एक भी कोना विकास से वंचित है, तो देश विकसित नहीं हो सकता, आज जो भाषा बोली जा रही है, उसमें राजनीतिक स्वार्थ के तहत देश को तोड़ने के लिए नए-नए कथानक गढ़े जा रहे हैं, इससे बड़ी बात क्या हो सकती है। ऐसी मानसिकता एक राष्ट्रीय पार्टी से सामने आ रही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है!…हमारा टैक्स, हमारा पैसा! कौन सी भाषा का प्रयोग किया जा रहा है? यह देश के भविष्य के लिए खतरनाक है…
उन्होंने अपने ‘युवराज’ के लिए एक स्टार्टअप बनाया है. लेकिन वह नॉन-स्टार्टर है, वह न तो लिफ्ट करता है और न ही लॉन्च करता है। कांग्रेस और उसके सहयोगियों को एससी/एसटी और ओबीसी को अधिक भागीदारी देने में हमेशा कठिनाई होती रही है। उन्होंने बाबा साहब के विचारों को नष्ट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्हें भारत रत्न देने की कोई तैयारी नहीं थी, जब बीजेपी के समर्थन से सरकार बनी तो बाबा साहब को भारत रत्न दिया गया। देश में पहली बार एनडीए सरकार ने एक आदिवासी बेटी को भारत का राष्ट्रपति बनाया।