इस परियोजना में 75 हजार करोड़ होंगे खर्च, सात बांध बनेंगे, एमपी के 13 जिलों को होगा फायदा
भोपाल। राजस्थान के साथ मध्यप्रदेश का पार्वती-कालीसिंध और चंबल नदी के पानी को लेकर ऐतिहासिक समझौता हुआ है, उससे मध्यप्रदेश और राजस्थान दोनों राज्यों के लाखों लोगों को बहुत फायदा होगा। रविवार को पहले राजस्थान और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्रियों के बीच समझौते पर सहमति बनी, फिर दोनों मुख्यमंत्रियों ने दिल्ली पहुंचकर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह के समझ त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, वह बहुत बड़ी उपलब्धि है। छह से सात साल में यह परियोजना पूरी होगी, जिसमें करीब 75 हजार करोड़ का खर्च आएगा। इस परियोजना के पूरा होने के बाद मध्यप्रदेश को अधिक पानी मिल सकेगा।
20 वर्ष से अधिक समय से राजस्थान के साथ मध्यप्रदेश के पानी विवाद का निपटारा हो गया है। दोनों राज्यों के बीच जल बंटवारे को लेकर 2004 से समझौते कराने के प्रयास किए जा रहे थे, मसौदा भी तैयार कर लिया गया था, लेकिन समझौता नहीं हो सका। बीते वर्ष मध्यप्रदेश और राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव मे दौरान प्रचार करने राजस्थान पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि दोनों राज्यों में भाजपा की सरकार बनाएं, हम नदी जल के बंटवारे का समझौता करा देंगे। कल रविवार को दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री के समक्ष त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए, उसके बाद से मध्यप्रदेश के राजस्थान से सटे 13 जिलों के खेतों को सिंचाई के लिए पानी मिलने का रास्ता खुल गया है।
लोकसभा चुनाव से पहले पूरी की एक गारंटी
राजस्थान और मध्यप्रदेश के लोगों को इस समझौते से बहुत फायदा होगा। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने इस समझौते के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिनंदन करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री ने एक गारंटी मध्यप्रदेश और राजस्थान के लोगों को दी थी। दोनों राज्यों में भाजपा की सरकारें बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गारंटी पूरी कर दी है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो गारंटी देते हैं, वह पूरी करते हैं, यह दोनों राज्यों के बीच हुआ ऐतिहासिक समझौता गारंटी पूरी होने की गारंटी को बताता है। इस समझौते से मध्यप्रदेश को 1800 एमसीएम पानी मिलेगा और 13 जिलों के लोगों को पानी मिलेगा और सिंचाई भी हो सकेगी।