- अरुणाचल प्रदेश भारतीय राज्य था, है और भविष्य में भी रहेगा।
- सूरत में जयशंकर ने कहा कि नाम बदलने से कुछ हासिल नहीं होगा।
नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश के 30 स्थानों को चीन द्वारा नया नाम देने का भारत ने करारा जवाब दिया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारतीय राज्य था, है और भविष्य में भी रहेगा। सूरत में जयशंकर ने कहा कि नाम बदलने से कुछ हासिल नहीं होगा। अगर मैं आपके घर का नाम बदल दूं, तो क्या वह मेरा हो जाएगा?
उन्होंने आगे कहा,”अगर आज मैं आपके घर का नाम बदल दूं तब क्या वह मेरा हो जाएगा क्या? अरुणाचल प्रदेश भारत का राज्य था, है और रहेगा. नाम बदल देने से कुछ नहीं होता है और न ही इससे कोई प्रभाव पड़ता है. आप सब जानते हैं कि हमारी सेना वहां (एलएसी पर) तैनात है. सेना के लोग जानते हैं कि उन्हें वहां क्या करना है।”
अरुणाचल की 30 जगहों को चीन ने दिए नए नाम
सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने रविवार को बताया कि चीनी नागरिक मामलों के मंत्रालय ने जंगनान में मानकीकृत भौगोलिक नामों की चौथी सूची जारी की है। चीन अरुणाचल प्रदेश को जंगनान कहता है और दक्षिण तिब्बत के हिस्से के रूप में इस राज्य पर अपना दावा करता है। मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर अरुणाचल प्रदेश की 30 जगहों के लिए अतिरिक्त नाम पोस्ट किए गए। रिपोर्ट में कहा गया है कि नए नाम एक मई से प्रभावी होंगे।
अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा जताने के लिए चीन के हालिया बयानों की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राज्य की यात्रा के समय हुई। पीएम मोदी ने नौ मार्च को अरुणाचल प्रदेश में 13 हजार फीट की ऊंचाई पर बनी सेला सुरंग का उद्घाटन किया था। चीन ने पीएम मोदी की यात्रा को लेकर राजनयिक विरोध दर्ज कराया।
साथ ही चीन के विदेश और रक्षा मंत्रालय ने क्षेत्र पर अपना दावा जताने के लिए कई बयान जारी किए। विदेश मंत्रालय ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा। चीन इस मुद्दे पर अमेरिका से भी उलझ चुका है।
पिछले महीने अमेरिका ने जब कहा कि वह अरुणाचल प्रदेश को भारतीय क्षेत्र के रूप में मान्यता देता है, तो चीन ने इसका विरोध किया।