केंद्रीय मंत्री और स्थानीय सांसद स्मृति ईरानी ने गुरुवार को निर्वाचन क्षेत्र से अपने उम्मीदवार की घोषणा में “देरी” के लिए कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा ऐसा प्रतीत होता है कि ‘उन्हें अमेठी की ताकत का एहसास हो गया है और हार का डर उस पार्टी को सता रहा है। राहुल गांधी, जिनके लोकसभा चुनाव में अमेठी से लड़ने की उम्मीद है, 2019 का चुनाव भाजपा की ईरानी से हार गए।’
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के दो सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकलों पर केंद्रीय मंत्री और अमेठी से बीजेपी सांसद स्मृति ईरानी ने कहा, ‘जो लोग कहते हैं कि अमेठी गांधी परिवार का गढ़ है, उन्हें उम्मीदवार घोषित करने में इतना समय क्यों लग रहा है? उनके आत्मविश्वास की कमी आपको बताती है कि अमेठी अब कांग्रेस का गढ़ नहीं है। अगर वह दो सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं, तो इसका मतलब है कि वह चुनाव से पहले ही अमेठी से अपनी हार की घोषणा कर रहे हैं। मैंने कहा था कि अगर उनके नेता में साहस है, तो चुनाव लड़ें।
नेहरू-गांधी परिवार पर अपना हमला करते हुए स्मृति ईरानी ने आरोप लगाया कि उन्होंने 50 वर्षों से अधिक समय तक अमेठी को विकास से वंचित रखा ताकि यहां के लोग गरीब और असहाय बने रहें और उनसे हाथ जोड़कर विनती करते रहें। उन्होंने कहा मैं वर्ष 2014 में अमेठी की राजनीति में आई, लेकिन मैं नामदारों से चुनाव हार गई थी। मैं कामदारों में हूं। मैं अमेठी के लोगों की सेवा करती रही और मुझे भारतीय जनता पार्टी ने 2019 में दूसरी बार यहां सेवा का मौका दिया और अमेठी ने मुझे स्वीकार करते हुए चुनाव जिताया।