- सात जजों की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से यह फैसला सुनाया है।
- सीजेआई ने सांसदों को राहत देने पर असहमति जाहिर की है।
नई दिल्ली। वोट के बदले नोट के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है। बेंच ने 26 साल पुराने अपने पिछले फैसले को पलट दिया है। सीजेआई ने सांसदों को राहत देने पर असहमति जाहिर की है। सात जजों की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से यह फैसला सुनाया है। अब अगर सांसद पैसे लेकर सदन में भाषण या वोट देते हैं तो उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 105 का हवाला दिया। कोर्ट ने कहा कि किसी को घूसखोरी की कोई छूट नहीं है।
कोर्ट के पिछले फैसले को खारिज किया
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा,”हम पीवी नरसिम्हा मामले में फैसले से असहमत हैं। वहीं, कोर्ट के पिछले फैसले को खारिज किया जा रहा है।
कोर्ट ने अनुच्छेद 105 का किया जिक्र
बहुमत के फैसले में पांच जजों की पीठ ने तब पाया कि सांसदों को अनुच्छेद 105 (2) और 194(2) के तहत सदन के अंदर दिए गए किसी भी भाषण और वोट के बदले आपराधिक मुकदमे से छूट है। अनुच्छेद 105 और 194 संसद और विधानसभाओं में सांसदों और विधायकों की शक्तियों और विशेषाधिकारों से संबंधित हैं।