केंद्र सरकार ने देश में भारत न्याय संहिता समेत 3 नए आपराधिक कानून लागू करने की घोषणा कर दी है। सरकार ने शनिवार को कहा कि औपनिवेशिक युग के भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) को बदलने के लिए संसद द्वारा पारित तीन नए आपराधिक कानून 1 जुलाई, 2024 से लागू होंगे तीनों कानूनों को पिछले साल 21 दिसंबर को संसद की मंजूरी मिल गई और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 25 दिसंबर को अपनी सहमति दे दी।
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी तीन समान अधिसूचनाओं के अनुसार, नए कानूनों के प्रावधान 1 जुलाई से लागू होंगे। ये कानून क्रमशः औपनिवेशिक युग के भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे। तीनों कानूनों का उद्देश्य विभिन्न अपराधों और उनकी सजाओं की परिभाषा देकर देश में आपराधिक न्याय प्रणाली को पूरी तरह से बदलना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल नए आपराधिक विधेयकों के पारित होने पर इसे इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण करार दिया था। प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर लिखा, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023, भारतीय न्याय संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 का पारित होना हमारे इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण है। ये विधेयक औपनिवेशिक युग के कानूनों के अंत का प्रतीक हैं। एक नए युग की शुरुआत कानूनों पर केंद्रित है सार्वजनिक सेवा और कल्याण।
उन्होंने आगे लिखा, ये परिवर्तनकारी विधेयक सुधार के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का एक प्रमाण हैं। वे प्रौद्योगिकी और फोरेंसिक विज्ञान पर ध्यान केंद्रित करने के साथ हमारी कानूनी, पुलिस और जांच प्रणालियों को आधुनिक युग में लाते हैं। ये विधेयक गरीबों, हाशिए पर रहने वाले और कमजोर वर्गों के लिए बढ़ी हुई सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।