देश को आजादी मिलने के बाद भारत के संविधान को लागू हुए पूरे 74 साल पूरे होने जा रहे हैं और इस बार 75वें गणतंत्र दिवस मना रहे है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों हैं। यह दिन लोकतांत्रिक सिद्धांतों और आदर्शों, देश के इतिहास और संस्कृति के सम्मान का प्रतीक है। हर बार की तरह इस बार भी इस राष्ट्रीय त्योहार का जश्न काफी जोश और सम्मान के साथ मनाया जाएगा।
जानें परेड का समय और थीम
इस साल गणतंत्र दिवस की थीम ‘विकसित भारत’ और भारत- लोकतंत्र की मातृका’ रखी गई है। अब इन थीम को विभिन्न झांकियों में प्रतिबिंबित किया जाएगा कि कैसे लोकतंत्र ने देश के विकास में मदद की। इसका मतलब है कि झाकियों के जरिए प्रौद्योगिकी और सांस्कृतिक विरासत जैसे विभिन्न क्षेत्रों में भारत की प्रगति को प्रदर्शित किया जाएगा। गणतंत्र दिवस की परेड 26 जनवरी को सुबह 10:30 बजे नई दिल्ली के कर्तव्य पथ से शुरू होने वाली है। इसके लगभग 90 मिनट तक चलने की उम्मीद है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बार उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, राजस्थान, ओडिशा, मणिपुर, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, हरियाणा, गोवा, मेघालय, लद्दाख, कर्नाटक, झारखंड, गुजरात, छत्तीसगढ़, असम, अरुणाचल प्रदेश और आंध्र प्रदेश की झांकियां देखने को मिल सकती हैं।
बता दें, 29 अगस्त 1947 को भारत में एक स्थायी संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए एक प्रारुप समिति के गठन के लिए संविधान सभा में एक प्रस्ताव रखा गया था। तदनुसार, डॉ. बी.आर. अंबेडकर की अध्यक्षता में प्रारुप समिति का गठन किया गया। समिति ने 4 नवंबर 1948 को संविधान का अंतिम प्रारूप संविधान सभा में प्रस्तुत किया। फिर विचार-विमर्श और कुछ संशोधनों के पश्चात् संविधान के प्रारुप को 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा पारित किया गया। संविधान के कुछ प्रावधान 26 नवंबर 1949 को ही लागू हो गए। हालाँकि, संविधान के प्रमुख भाग 26 जनवरी 1950 से लागू हुए। यही वह तिथि थी जब भारत वास्तव में एक संप्रभु गणराज्य बना।