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भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने का मैतेयी ने किया स्वागत, कुकी समुदायों ने जताया विरोध

भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने का फैसला किया गया है।
इंफाल घाटी में रहने वाले मैतेयी समुदाय की लगातार मांग रही है।
इंफाल। भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने के केंद्र सरकार के फैसले का मणिपुर के मैतेयी समुदाय ने जोरदार स्वागत किया है, जबकि नगा और कुकी समुदायों ने इसका विरोध करते हुए कहा कि उन्हें यह स्वीकार्य नहीं है। एक्स पर एक पोस्ट में गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा था कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार सीमाओं को अभेद्य बनाने के प्रति प्रतिबद्ध है। पूरी 1643 किलोमीटर लंबी भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने का फैसला किया गया है। बेहतर निगरानी के लिए सीमा पर एक पेट्रोलिंग ट्रैक (गश्ती ट्रैक) भी बनाया जाएगा।

बिना वीजा के आने-जाने की अनुमति

असल में केंद्र के इस कदम को म्यांमार के साथ मुक्त आवाजाही व्यवस्था (एफएमआर) खत्म करने का संकेत माना जा रहा है। मिजोरम, मणिपुर, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश तक फैली 1643 किलोमीटर लंबी भारत-म्यांमार सीमा एफएमआर के तहत संचालित होती है। यह भारत-म्यांमार सीमा के पास रहने वाले लोगों को बिना वीजा या किसी दस्तावेज के एक-दूसरे के क्षेत्रों में 16 किलोमीटर आने-जाने की अनुमति देती है।

नशीले पदार्थों की तस्करी पर लगेगी रोक

मणिपुर की म्यांमार के साथ कम से कम 398 किलोमीटर लंबी सीमा लगती है, जिसमें से 10 किलोमीटर पर बाड़ लगा दी गई है। वैसे भी म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाना इंफाल घाटी में रहने वाले मैतेयी समुदाय की लगातार मांग रही है। वे आरोप लगाते रहे हैं कि आदिवासी आतंकवादी अक्सर खुली सीमा के माध्यम से भारत में प्रवेश करते हैं। यही नहीं, इस रास्ते से भारत में नशीले पदार्थों की तस्करी भी की जा रही है।

कुकी समुदाय ने एतराज जताया

उन्होंने कहा कि एफएमआर के चलते निस्संदेह बड़े पैमाने पर नशीली दवाओं की तस्करी होती है। यही नहीं, अवैध अप्रवासियों की घुसपैठ के कारण भारी जनसांख्यिकीय परिवर्तन भी हुआ है जिससे मैतेयी और यहां की मूल आबादी के लिए खतरा पैदा हो गया है। उधर, राज्य में नगा-कुकी समुदाय ने केंद्र के इस कदम पर एतराज जताया है।

अरुणाचल के सीएम ने भी किया स्वागत

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने के केंद्र के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि इस कदम से सीमा पार से अराजक तत्वों की आवाजाही पर रोक लगेगी। अरुणाचल प्रदेश की 520 किमी लंबी सीमा म्यांमार से लगती है। खांडू ने एक्स पर पोस्ट किया कि हमारी सीमाओं को अभेद्य बनाने के लिए सही दिशा में यह एक बड़ा कदम है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह का आभार।

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