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- शंघाई सहयोग संगठन बैठक की अध्यक्षता करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद का मुद्दा उठाया ।
- आतंकवाद से नजरें हटाना हमारे सुरक्षा हितों के लिए हानिकारक होगा।
नई दिल्ली । विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गोवा के बेनौलिम में ताज एक्सोटिका रिसॉर्ट में शंघाई सहयोग बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान उन्होंने आतंकवाद का मुद्दा उठाया। खास बात ये रही कि उन्होंने पाकिस्तान, चीन समेत शंघाई सहयोग मीटिंग में शामिल हुए देशों के सामने आतंकवाद को लेकर साफ शब्दों में कहा कि इसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, “आतंकवाद का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। हमारा दृढ़ विश्वास है कि आतंकवाद का कोई औचित्य नहीं हो सकता है और इसे सीमा पार आतंकवाद सहित इसके सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में रोका जाना चाहिए। आतंकवाद का मुकाबला करना एससीओ के मूल जनादेशों में से एक है।” साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि आतंकवाद से नजरें हटाना हमारे सुरक्षा हितों के लिए हानिकारक होगा। इस दौरान बैठक में चीनी विदेश मंत्री किन गैंग और पाकिस्तान के बिलावल भुट्टो-जरदारी के अलावा अन्य देशों के विदेश मंत्री मौजूद रहे। एस जयशंकर ने कहा कि एससीओ की पहली भारतीय अध्यक्षता में आपकी मेजबानी करते हुए मुझे खुशी हो रही है। साथ ही एससीओ की अध्यक्षता में हमने 100 से अधिक बैठकों और कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक समापन किया, जिनमें 15 मंत्रिस्तरीय बैठकें शामिल हैं।
भारत दौरे पर 12 साल बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री पहुंचे
पाकिस्तान के विदेश मंत्री गोवा में हो रही शंघाई सहयोग की मीटिंग में शामिल हुए। खास बात ये है कि ऐसा 12 साल बाद हुआ जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री भारत आए हों। उन्होंने अपने दौरे से पहले एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर किया था। इसमें उन्होंने कहा था कि उनका भारत दौरा इस बात को दर्शाता है पाकिस्तान के लिए SCO की क्या अहमियत है।
विदेश मंत्रियों की द्विपक्षीय वार्ता
ऐसी उम्मीद है कि आज की बैठक में कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), म्यांमार और मालदीव के मंत्रियों के साख एस जयशंकर द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। इससे पहले विदेश मंत्री जयशंकर ने उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्री बख्तियोर सैदोव के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। इसे लेकर जयशंकर ने ट्वीट भी किया है। उन्होंने ट्वीट में बख्तियार सैदोव का भारत यात्रा को लेकर स्वागत किया। भारत की तरफ से उज्बेकिस्तान के मजबूत समर्थन की तारीफ भी की गई। जयशंकर ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में हमारी द्विपक्षीय साझेदारी बढ़ती रहेगी। वहीं चीन के विदेश मंत्री किन गैंग के साथ भी जयशंकर ने सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करने को लेकर जोर भी दिया।