लोकसभा चुनाव से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल अंतरिम बजट पेश करने जा रही है। 1 जनवरी को पेश होने वाले इस बजट से आम जनता को काफी ज्यादा उम्मीदें है क्योंकि यह इस कार्यकाल का आखिरी बजट होगा। सरकार चुनाव को देखते हुए बजट में किसानों, महिलाओं, गरीबों और युवाओं को लुभाने की कोशिश में है। हालांकि विशेषज्ञों की मानें तो इस बजट में सरकार कोई बड़े ऐलान शायद नहीं करेगी।
हालांकि, सूत्रों की मानें तो वित्त मंत्री सीतारमण ने पहले ही संकेत दे दिया है कि कोई बड़ी घोषणा नहीं होगी। वित्त मंत्रालय को आगामी वित्तीय वर्ष में विकास दर 7 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है, इसलिए बजट में अतिरिक्त प्रोत्साहन की बहुत कम आवश्यकता है। ब्लूमबर्ग इकोनॉमिक्स के अभिषेक गुप्ता ने कहा कि केंद्र में सत्तारूढ़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार अभी मजबूत स्थिति में है और उस पर बजट में लोकलुभावन कदम उठाने का दबाव कम है।
हालांकि, सूत्रों की मानें तो वित्त मंत्री सीतारमण ने पहले ही संकेत दे दिया है कि कोई बड़ी घोषणा नहीं होगी। वित्त मंत्रालय को आगामी वित्तीय वर्ष में विकास दर 7 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है, इसलिए बजट में अतिरिक्त प्रोत्साहन की बहुत कम आवश्यकता है। ब्लूमबर्ग इकोनॉमिक्स के अभिषेक गुप्ता ने कहा कि केंद्र में सत्तारूढ़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार अभी मजबूत स्थिति में है और उस पर बजट में लोकलुभावन कदम उठाने का दबाव कम है। ब्लूमबर्ग द्वारा सर्वेक्षण किए गए अर्थशास्त्रियों के अनुसार, मार्च में समाप्त होने वाले चालू वित्तीय वर्ष के लिए 5.9% घाटे का लक्ष्य संभवतः पूरा हो जाएगा, और अगले वित्तीय वर्ष में इसे और कम करके 5.3% कर दिया जाएगा। इस वर्ष बजट घाटे में सुधार का एक बड़ा हिस्सा बढ़ती कर प्राप्तियों से आया है। एचएसबीसी होल्डिंग्स पीएलसी के अनुसार, पिछले वित्तीय वर्ष में एकत्र किए गए आयकर की तुलना में आयकर लगभग 30% अधिक है, कॉर्पोरेट कर 20% अधिक है और जीएसटी 10% अधिक है।