- वायु सेना उन राष्ट्रीय राजमार्गों को रनवे के रूप में आजमा रही है जो युद्ध की स्थिति में काम आ सकें।
नई दिल्ली। चीन और पाकिस्तान की रणनीति में बदलाव के कारण भारत की सामरिक तैयारी यही है कि युद्ध की स्थिति में वह दोनों मोर्चों पर निपट सके। इसके लिए वायु सेना उन राष्ट्रीय राजमार्गों को रनवे के रूप में आजमा रही है जो युद्ध की स्थिति में काम आ सकें।
देश के सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा को मजबूत बनाने के उद्देश्य से भारतीय वायु सेना लगातार ऐसे कदम उठा रही है।
विदित हो कि पाकिस्तान और चीन की चालों एवं युद्ध संबंधी स्थितियों से मुकाबले को ध्यान में रखकर ही अनंतनाग के बिजबेहड़ा हाइवे पर इस हवाई पट्टी का निर्माण किया गया है।
पाकिस्तान या चीन के विरुद्ध इस हवाई पट्टी से वायु सेना के लड़ाकू विमानों को उड़ान भरने में बहुत कम समय लगेगा। अत्यंत कम समय में भारतीय वायु सेना के फाइटर विमान शत्रु के विमानों का मुकाबला करेंगे। उड़ान भरने के बाद मात्र तीन मिनट में ये पाकिस्तानी सीमा पर और पांच मिनट में पूर्वी लद्दाख में चीन सीमा पर पहुंच जाएंगे।
बाड़मेर में अभ्यास
यह अवसर था वायु सेना के तीन दिवसीय अभ्यास के बाद हवाई पट्टी के हैंड ओवर का। इस कारण इस हवाई पट्टी पर वायु सेना ने छह अप्रैल को ही अपना डेरा डाल दिया था।
अभ्यास के तहत आठ अप्रैल को इस हवाई पट्टी पर तेजस लड़ाकू विमान उतारा गया। इसके बाद जगुआर लड़ाकू विमान व सी-295 तथा एएन-32 जैसे परिवहन विमान उतारे गए। यह अभ्यास सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। यह हवाई पट्टी राजस्थान के बाड़मेर में नेशनल हाइवे-925 ए पर बनी इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड है।
सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इस हवाई पट्टी का लोकार्पण नौ सितंबर 2021 को किया गया था। इसका उद्घाटन परिवहन विमान सी-130 जे हरक्यूलिस की आपातकालीन लैंडिंग अभ्यास से किया गया।