- नेपाल की सरकार की कोशिश है कि भारत के साथ ज्यादा से ज्यादा आर्थिक सहयोग बढ़ाया जाए और भारतीय कंपनियां नेपाल में निवेश भी करें।
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में पड़ोसी देशों और हिंद महासागर के देशों के राष्ट्र प्रमुखों को आमंत्रित किया गया था। इनमें नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड भी शामिल हैं। शपथ ग्रहण के बाद पुष्प कमल दहल प्रचंड ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि उन्हें विश्वास है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत-नेपाल के संबंध नई ऊंचाइयों को छुएंगे और लगातार मजबूत होंगे।
नेपाल के प्रधानमंत्री ने जताई उम्मीद
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि ‘नरेंद्र मोदी जी के साथ बैठक की। मैंने उन्हें प्रधानमंत्री के तौर पर लगातार तीसरे कार्यकाल की बधाई दी। हमारे बीच रणनीतिक मुद्दों पर चर्चा हुई और साथ ही दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने पर बात हुई। मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत-नेपाल संबंध और ज्यादा समृद्ध होंगे।’ साल 2014 में भारत का प्रधानमंत्री बनने के बाद से पीएम मोदी ने हमेशा पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंधों को तरजीह दी। नेपाल की बात करें तो बीते कुछ वर्षों में भारत और नेपाल के बीच आर्थिक सहयोग बढ़ा है और पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल में भी इसके बढ़ने की उम्मीद है।
भारत के साथ आर्थिक संबंधों को मजबूत करना चाहता है नेपाल
नेपाल की सरकार की कोशिश है कि भारत के साथ ज्यादा से ज्यादा आर्थिक सहयोग बढ़ाया जाए और भारतीय कंपनियां नेपाल में निवेश भी करें। इन दिनों नेपाल आर्थिक तौर पर चुनौतियों का सामना कर रहा है। ऐसे में उसकी इच्छा है कि बड़ी आर्थिक ताकत जैसे भारत उनके वहां निवेश करे। हालांकि नेपाल की वामपंथी सरकार अक्सर भारत पर उसके आंतरिक मामलों में दखल देने का आरोप लगाती रहती है। खासकर वामपंथी सरकार में नेपाल में भारत के खिलाफ प्रौपेगेंडा बढ़ा है, लेकिन भारत की तरफ से कोई कड़ी प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। नेपाल की चीन से बढ़ती नजदीकी भी भारत सरकार के लिए चिंता का विषय है।