ज्ञानवीपी मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने वैज्ञानिक सर्वेक्षण और कार्बन डेटिंग पर रोक लगा दी है। उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि इस मामले में हमें बहुत बरीकी से जांच करते हुए संभलकर आगे बढ़ना होगा। इसके साथ ही इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले में जल्दबाजी बताते हुए कोर्ट ने रोक लगा दी है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने जिसमें जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला भी शामिल थे फैसला सुनाया है।
गौरतलब है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 12 मई को ज्ञानवापी शिवलिंग की वैज्ञानिक सर्वेक्षण और कॉर्बन डेटिंग का आदेश सुनाया था। इसमें कैसे कार्य होगा इसका फैसला वाराणसी कोर्ट लेगा उसी के निगरानी में वैज्ञानिक सर्वेक्षण होना था।
आपको बता दें इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका लगाई थी। ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति की तरफ से वकील हुजेफा अहमदी ने यह याचिका दायर की।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12 मई को कथित शिवलिंग की कॉर्बन डेटिंग और साइंटिफिक सर्वे का आदेश दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि यह कैसे होगा? इस पर वाराणसी कोर्ट निर्णय लेगा। उन्हीं की निगरानी में यह काम किया जाएगा।
अगली सुनवाई 7अगस्त को
हिंदू पक्ष की तरफ से वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि कोर्ट किसी भी फैसले के पहले एएसआई रिपोर्ट देखें। वहीं कोर्ट ने कहा कि हम पहले परिस्थिति को देखेंगे फिर हम ASI कि रिपोर्ट भी देखेंगे। मामले में अगली सुनवाई 7 अगस्त को होगी।