उत्तर प्रदेश में बिजली गिरने की अलग-अलग घटनाओं में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि राज्य के कुछ हिस्सों में बारिश और ओलावृष्टि हुई। राहत आयुक्त नवीन कुमार ने बताया मौतें लखीमपुर खीरी, हरदोई, सीतापुर और शाहजहाँपुर में हुई हैं। उन्होंने बताया कि फर्रुखाबाद, कन्नौज, मुजफ्फरनगर, जालौन, झांसी, कानपुर देहात, शाहजहाँपुर, ललितपुर और सहारनपुर में सुबह 8:30 बजे से दोपहर 2:30 बजे के बीच ओलावृष्टि हुई।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार देर रात से राज्य में तेज हवाओं और ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान का सर्वेक्षण करने और प्रभावित किसानों के खातों में मुआवजा राशि 24 घंटे के भीतर स्थानांतरित करने के लिए संबंधित विभाग को रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को प्रभावित किसानों की मदद में किसी भी तरह की लापरवाही बरतने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। राज्य सरकार की ओर से जारी प्रेस बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव राजस्व पी गुरु प्रसाद ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों, एसडीएम और तहसीलदारों को मौके पर जाकर सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया है। साथ ही सर्वे रिपोर्ट को जल्द से जल्द संबंधित विभाग के पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश दिया गया है।
प्रतिकूल मौसम की स्थिति को देखते हुए, राहत विभाग ने चेतावनी जारी की है और लोगों से केवल आवश्यक कार्यों के लिए ही अपने घरों से बाहर निकलने का आग्रह किया है। गौरतलब है कि 2681 आवेदनों का ऑन द स्पॉट सर्वे संपन्न हो चुका है, जबकि 4339 आवेदनों पर कार्रवाई के लिए त्वरित गति से प्रयास चल रहा है. इसके अतिरिक्त, प्रतिकूल मौसम जारी रहने के कारण, यह अनुमान लगाया गया है कि फसल क्षति के मुआवजे के लिए और भी आवेदन प्रस्तुत किए जाएंगे। बता दें, फसल क्षति मुआवजे के लिए सबसे अधिक आवेदन, कुल 1256, हमीरपुर के किसानों द्वारा प्रस्तुत किए गए हैं। इसके बाद जालौन से 997, मीरजापुर से 969, ललितपुर से 812, झांसी से 650 और बांदा से 580 के अलावा आधा दर्जन जिलों से 100 से अधिक किसानों ने आवेदन किया है। मुआवजा केवल उन्हीं किसानों को दिया जाता है जिनकी फसल बाढ़, ओलावृष्टि और गैर-मौसमी बारिश के कारण 33 प्रतिशत से अधिक क्षतिग्रस्त हो जाती है।