राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज (30 मार्च) दो पूर्व प्रधानमंत्रियों (मरणोपरांत) और अनुभवी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता लालकृष्ण आडवाणी सहित प्रतिष्ठित हस्तियों को भारत रत्न से सम्मानित किया। इनके साथ भारत में हरित क्रांति के जनक कहे जाने वाले वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भी मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम राष्ट्रपति भवन में आयोजित किया गया।
इस समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। सरकार ने इस साल पांच भारत रत्न पुरस्कारों की घोषणा की थी, जिसमें एक पुरस्कार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिग्गज नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को भी दिया गया था।
चार पूर्व प्रधानमंत्रियों को मरणोपरांत सम्मानित किया गया
जिन पांच हस्तियों को भारत रत्न से सम्मानित किया गया, उनमें पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को छोड़कर, चार अन्य- पूर्व प्रधानमंत्रियों चौधरी चरण सिंह और पीवी नरसिम्हा राव, प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत सम्मानित किया गया। इससे पहले, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया था, “यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमारे पूर्व प्रधान मंत्री, पीवी नरसिम्हा राव गारू को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। एक प्रतिष्ठित विद्वान और राजनेता के रूप में, नरसिम्हा राव गारू ने विभिन्न क्षमताओं में बड़े पैमाने पर भारत की सेवा की।”
बता दें राष्ट्रपति मुर्मू कल वरिष्ठ भाजपा नेता एलके आडवाणी को घर जाकर सम्मानित करेगी। लाल कृष्ण अडवाणी भाजपा के वरिष्ठ नेता और देश के सातवें उप-प्रधानमंत्री रह चुके हैं। उनका जन्म 1927 में पाकिस्तान के कराची में एक हिंदू सिंधी परिवार में हुआ था। अडवाणी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भारत के उप-प्रधानमंत्री का पद संभाल चुके हैं। इससे पहले वह 1998 से 2004 के बीच भाजपा के नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) में गृहमंत्री भी रह चुके हैं। लाल कृष्ण अडवाणी उन लोगों में शामिल हैं, जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी की नींव रखी थी।