- विजयवाड़ा के कोर्ट में होगी नायडू की पेशी
- साल 2018 में एंटी करप्शन ब्यूरो को इस घोटाले की शिकायत मिली थी।
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को स्किल डेवलपमेंट स्कैम में शनिवार की सुबह 6 बजे नंदयाल शहर से गिरफ्तार कर लिया गया।उनकी गिरफ्तारी उस समय हुई जब वे आरके फंक्शन हाल स्थित अपने कैंप में आराम कर रहे थे। उन्हें गिरफ्तार करने नांदयाल रेंज के डीआईजी रघुरामी रेड्डी और सीआईडी के नेतृत्व में भारी पुलिस फोर्स पहुंची थी, जिन्हे TDP पार्टी समर्थकों ने रोकने की कोशिश की । जिसके बाद पुलिस और पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प भी हुई।चंद्रबाबू के बेटे पारा लोकेश को भी पुलिस ने हिरासत में लिया हैं। मामला 250 करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले से जुड़ा हुआ है।
तेलुगु देशम पार्टी (TDP) प्रमुख और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू को गिरफ्तार किया गया है. भ्रष्टाचार के मामले में आपराधिक जांच विभाग (CID)और कुर्नूल रेंज DIG रघुरामी रेड्डी की अगुआई वाली टीम ने शनिवार (9 सितम्बर)तड़के 3 बजे उस कैंप साइट पर पहुंज पर नायडू के खिलाफ कार्रवाई की और उन्हे गिरफ्तार कर लिया।
2021 में CBI ने 9 दिसंबर को स्किल डेवलपमेंट घोटाले मामले में FIR दर्ज किया । इसमें 25 लोगों को आरोपी बनाया गया था । लेकिन इस FIR में नायडू का नाम नहीं था। इस साल मार्च में CID ने स्किल डेवलपमेंट घोटाले की जांच शुरू की । जांच में जो बातें सामने आई । उस आधार पर चंद्रबाबू को गिरफ्तार किया गया है।
विजयवाड़ा के कोर्ट में होगी नायडू की पेशी
गिरफ्तारी के बाद उन्हें मेडिकल जांच के लिए नंदयाल अस्पताल ले जाया जाना था, लेकिन उनके मना करने के बाद कैंप साइट पर ही उनका मेडिकल चेकअप किया गया। यहां से उन्हें विजयवाड़ा ले जाया गया है। जहां उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। आंध्र प्रदेश सीईडी की तरफ से दर्ज एफआईआर के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत कथित घोटाले की जांच कर रहा है. आरोप है कि मेसर्स डीटीएसपीएल, इसके निदेश और अन्य ने शेल कंपनी की मदद से बहुस्तरीय लेनदेन कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया. फर्जीवाड़े के जरिए 370 करोड़ रुपये की धनराशि निकाल ली गई।
2016 में टीडीपी सरकार के कार्यकाल के दौरान बेरोजगार युवाओं को उनकी रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए कौशल प्रशिक्षण प्रदान करके सशक्त बनाने के उद्देश्य से एपीएसएसडीसी की स्थापना की गई थीमीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, CID ने अपनी जांच में पाया कि राज्य कैबिनेट से इस परियोजना को मंजूरी नहीं थी। इसके बावजूद बिना टेंडर के प्रोजेक्ट शुरू की गई। MOU के तहत सीमेंस कंपनी को अपनी तरफ से प्रोजक्ट में इन्वेस्ट करना था। हालांकि, कंपनी ने अपनी तरफ से कुछ भी निवेश नहीं किया।
चंद्रबाबू के बेटे लोकेश भी हिरासत में
आंध्र प्रदेश पुलिस ने चंद्रबाबू के बेटे नारा लोकेश को ईस्ट गोदावरी जिले से हिरासत में लिया है। लोकेश यहां पदयात्रा कर रहे थे। उन्हें विजयवाड़ा नहीं जाने दिया गया। वहीं CID ने एक प्रेस रिलीज में बताया कि साल 2018 में एंटी करप्शन ब्यूरो को इस घोटाले की शिकायत मिली थी। हालांकि, तब सत्ता में बैठे लोगों ने जांच रोकने की कोशिश की और राज्य सचिवालय से जरूरी डॉक्यूमेंट्स हटा दिए। वर्तमान सरकार की जांच से पहले जीएसटी इंटेलिजेंस विंग और आईटी डिपार्टमेंट भी घोटाले की जांच कर रहे थे।
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