भोपाल। पुलिस मुख्यालय ने भोपाल और इंदौर पुलिस आयुक्त और बाकी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को भेजे पत्र में कहा है कि मैदानी पदस्थापना वाली महिला पुलिसकर्मियों को भी विवेचना का अवसर दिया जाए। पुलिस में महिलाएं बड़ी संख्या में आ रही हैं, लेकिन अपराध अनुसंधान (विवेचना) में उन्हें बहुत कम मामलों में लगाया जाता है। इस प्रयोग के पीछे तर्क दिया जा रहा है कि इससे महिला पुलिस अधिकारियों में आत्मविश्वास बढ़ेगा।
यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम होगा। अभी महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध होने वाले अपराधों में ही उन्हें विवेचना में लगाया जाता है। अन्य अपराधों में उन्हें यह जिम्मेदारी बहुत कम मामलों में दी जाती है। ब्यूरो आफ पुलिस रिसर्च एवं डेवलपमेंट (बीपीआरडी) द्वारा पिछले वर्ष अगस्त में शिमला में राष्ट्रीय स्तर की एक कार्यशाला आयोजित की गई थी। इसमें सभी राज्यों के पुलिस अधिकारी शामिल हुए थे।
यहां अधिकतर अधिकारियों ने कहा था कि मैदानी महिला पुलिसकर्मियों को महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध घटित अपराधों के अलावा अन्य जिम्मेदारियां व अपराध अनुसंधान के काम नहीं सौंपे जाते। इसी संदर्भ में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (महिला अपराध) प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव ने निर्देश जारी किए हैं।
निर्देश के साथ ही उन्होंने वर्ष 2020 से अब तक जारी किए गए सात अन्य पत्रों का हवाला दिया है, जिनमें मैदानी पुलिसकर्मियों को सशक्त बनाने के लिए उन्हें जिम्मेदारियां देने की बात कही गई है।
Field women policemen given opportunity to discuss.