लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए परेशानी बढ़ते हुए, नजर आ रही है। सूत्रों के मुताबिक़ पार्टी को आयकर विभाग से नए नोटिस मिले हैं, जिसमें आकलन वर्ष 2014-15 से 2016-17 के लिए 1,745 करोड़ रुपये की कर मांग की गई है। इस ताजा नोटिस के साथ आयकर (आईटी) विभाग ने कांग्रेस से कुल 3,567 करोड़ रुपये की मांग की है।
सूत्रों के मुताबिक, ताजा टैक्स नोटिस 2014-15 (663 करोड़ रुपये), 2015-16 (करीब 664 करोड़ रुपये) और 2016-17 (करीब 417 करोड़ रुपये) से संबंधित हैं। अधिकारियों ने राजनीतिक दलों को मिलने वाली कर छूट समाप्त कर दी है और पूरे संग्रह के लिए पार्टी पर कर लगा दिया है।
इसके साथ ही जांच एजेंसियों द्वारा छापेमारी के दौरान कांग्रेस के कुछ नेताओं से जब्त की गई डायरियों में की गई तीसरे पक्ष की प्रविष्टियों के लिए भी कांग्रेस पर कर लगाया गया है। शुक्रवार (29 मार्च) को कहा कि उसे आयकर विभाग से नोटिस मिला है, जिसमें करीब 1,823 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा गया है। कर अधिकारियों ने पिछले वर्षों से संबंधित कर मांग के लिए पार्टी के खातों से 135 करोड़ रुपये पहले ही निकाल लिए हैं।
कांग्रेस ने अदालत का किया रुख
कांग्रेस ने 135 करोड़ रुपये की कर मांग के खिलाफ अदालत का रुख किया है और मामला सोमवार (25 मार्च) को सुप्रीम कोर्ट में आने की संभावना है। पार्टी इस संबंध में आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के उच्च न्यायालय से कोई राहत पाने में विफल रही है।