- कांकेर जिले के हापाटोला जंगल में जवानों ने 29 नक्सलियों को ढेर कर दिया है।
- 50 से 60 नक्सलियों को जंगल में घेर कर इस अभियान को अंजाम दिया है।
- 25 लाख रुपये का इनामी शंकर राव तथा 25 लाख की इनामी ललिता भी शामिल है।
कांकेर। छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के विरुद्ध अब तक हुई सबसे बड़ी कार्रवाई में कांकेर जिले के हापाटोला जंगल में जवानों ने 29 नक्सलियों को ढेर कर दिया है।
मारे गए कई नक्सलियों की पहचान अभी तक नहीं हुई है, पर घटनास्थल से मिले हथियार से पता चलता है कि कई बड़े नक्सली मारे गए हैं। मारे गए नक्सलियों में उनका कमांडर और 25 लाख रुपये का इनामी शंकर राव तथा 25 लाख की इनामी ललिता भी शामिल है। एक और नक्सली कमांडर राजू भी मारा गया है।
मुठभेड़ के दौरान बीएसएफ इंस्पेक्टर को पैर में गोली लगी है। वहीं, डीआरजी के दो जवान भी घायल हुए हैं। तीनों को बेहतर इलाज के लिए हवाई मार्ग से रायपुर भेजा गया है। बता दें कि बस्तर में पहले चरण में लोकसभा चुनाव होना है।
बीएसएफ को मिली पुख्ता जानकारी, फिर हुई कार्रवाई
इस एनकाउंटर की जानकारी देते हुए डीआईजी इंटेलिजेंस आलोक कुमार सिंह ने बताया की काफी दिनों से नक्सल कमांडर की इलेक्शन को लेकर का कांकेर की सिचवेशन को लेकर सेंट्रल कमेटी और सब जोनल कमेटी की कमांडर की मूवमेंट की खबर मिल रही थी इसके लिए पुलिस और बीएसएफ ऑपरेशन की तैयारी कर रहे थे उसी के तहत आज ऑपरेशन प्लान किया था आज हमारे पास बीएसएफ के पुख्ता जानकारी थी।
बीएसएफ कमांडो प्लाटून जो पूर्व दिशा से नक्सलियों से अटैक किया जिसमे बड़ी संख्या में नक्सली घायल हुए नक्सलियों के पास कोई रास्ता नहीं बचा था। दूसरे नाले की तरफ से डीआरजी की टीम ने घेर रखा था जिसमे ये नक्सली मारे गए है।
नक्सलियों को जवाबी कार्रवाई का कोई मौका नहीं देंगे
यह मुठभेड़ ऐसे समय पर हुई है, पहले चरण (19 अप्रैल) में बस्तर में जब तीन दिन बाद मतदान होना है। बता दें, 14 अप्रैल को राजनांदगांव में चुनावी सभा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्र की सत्ता में तीसरी बार काबिज होने पर नक्सल मुक्त छत्तीसगढ़ का संकल्प लिया था।
है। लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए किसी भी स्तर पर ढील नहीं दी जा सकती। नक्सलियों को जवाबी कार्रवाई का कोई मौका नहीं देंगे। राज्य में नक्सली गतिविधियों पर लगाम के लिए डीआरजी की स्थापना 2008 में की गई थी। वहीं संवेदनशील इलाकों में सरकार ने बीएसएफ की भी तैनाती कर रखी है।
बीजापुर में मारे गए थे 13 नक्सली
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जवानों को बधाई देते हुए कहा है कि सरकार प्रदेश को नक्सलियों से मुक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश की सुख शांति के लिए नक्सलियों से वार्ता और मुख्यधारा में वापसी के लिए रास्ते अभी भी खुले हैं।
उस दौरान शांतिपूर्ण लोकसभा चुनाव और नक्सल इलाकों में इंटेलिजेंस ब्यूरो के इनपुट के आधार पर खुफिया ऑपरेशन की रणनीति भी बनाई गई थी। अधिकारियों ने बताया था कि खुफिया सूचना पर कश्मीर के आतंकियों की तरह ही छत्तीसगढ़ के नक्सलियों पर लक्ष्य आधारित कार्रवाई की जाएगी। कांकेर के मुठभेड़ में भी बैठक का असर सीधे तौर पर दिख रहा है।