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कश्मीर में मीटिंग का चीन ने किया विरोध, भारत ने दिखाया आईना,जवाब से बोलती की बंद

  • विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान और चीन की टिप्पणियों पर कहा, ‘हमने इस तरह के बयानों को हमेशा ही खारिज किया है।
    नई दिल्ली ।
    जम्मू-कश्मीर में जी-20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की मीटिंग का चीन की ओर विरोध करने पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि वह अपने क्षेत्र में बैठकें करने के लिए स्वतंत्र है। इसके अलावा, पड़ोसी देश के साथ सामान्य संबंधों के लिए सीमा पर अमन-चैन जरूरी है। इससे पहले, शुक्रवार को चीन ने कहा था कि वह कश्मीर में अगले सप्ताह होने वाली जी-20 पर्यटन कार्य समूह की बैठक में शामिल नहीं होगा। बीजिंग की ओर से कहा गया कि वह इस तरह की मीटिंग का ‘विवादित क्षेत्र’ में आयोजन का दृढ़ता से विरोध करता है। मालूम हो कि पाकिस्तान की ओर से इस मामले पर इसी तरह की प्रतिक्रिया आई है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान और चीन की टिप्पणियों पर कहा, ‘हमने इस तरह के बयानों को हमेशा ही खारिज किया है। साथ ही इस मामले के संबंधित सभी पक्ष हमारी स्थिति से अच्छी तरह वाकिफ हैं। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू व कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख भारत के अविभाज्य हिस्से हैं और हमेशा रहेंगे। किसी भी दूसरे देश का इस पर कमेंट करना ठीक नहीं है।’ एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि मुख्य कार्यक्रम 22 और 23 मई को एसकेआईसीसी में आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम में जी 20 देशों और अतिथि देशों के 100 से अधिक प्रतिनिधियों के आने की उम्मीद हैं।’
    चीन का क्या कहना है?
    चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा था, ‘चीन विवादित क्षेत्र में किसी भी तरह की जी-20 बैठक आयोजित करने का दृढ़ता से विरोध करता है। हम ऐसी बैठकों में शामिल नहीं होंगे।’ वहीं, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को कहा था कि श्रीनगर में जी-20 बैठक जम्मू-कश्मीर के लिए अपनी वास्तविक क्षमता दिखाने का एक बड़ा अवसर है। सिंह ने कहा कि श्रीनगर में इस तरह के अंतरराष्ट्रीय आयोजन से देश और दुनिया भर में सकारात्मक संदेश जाएगा।
    गलवान झड़प के बाद रिश्तों में तनाव
    दरअसल, चीन पाकिस्तान का करीबी सहयोगी है। पाकिस्तान और चीन ने पूर्व में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के बारे में अवांछित टिप्पणियां की हैं। भारत पहले भी जम्मू कश्मीर पर चीन और पाकिस्तान के बयानों को खारिज कर चुका है। भारत और चीन के बीच तीन साल से पूर्वी लद्दाख में गतिरोध है। जून 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भीषण झड़प के बाद द्विपक्षीय संबंधों काफी तनाव उत्पन्न हो गया। भारत ने कहा है कि जब तक सीमा क्षेत्र में शांति नहीं होगी तब तक द्विपक्षीय संबंध सामान्य नहीं हो सकते। मालूम हो कि भारत 22 मई से 24 मई तक जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में तीसरी जी-20 पर्यटन कार्य समूह की बैठक की मेजबानी करेगा।

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