मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अमरकंटक में प्रदेश की जीवनदायिनी, पुण्य-सलिला मां नर्मदा की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना की। इस मौके पर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री उमा भारती, जन-प्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने पूर्व मुख्यमंत्री उम भारती के पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त किए।
जीव दया और गो-सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य
बाल ब्रह्मचारी विनय भैया ने कहा कि जीव दया और पशु सेवा के क्षेत्र में प्रदेश सरकार उत्कृष्ट कार्य कर रही है। खेती में आज बैलों की जगह ट्रैक्टर और हार्वेस्टर ने ले ली है। इस कारण से गो-वंश के समक्ष भोजन की समस्या उत्पन्न हो गई है। उन्होंने सुझाव दिया कि प्रदेश सरकार ऐसी व्यवस्था करे कि किसान खेती के बाद नरवाई को जलाये नहीं, बल्कि भूसे को गो-शालाओं को दे दें। भूसा पशुओं का भोजन है, मनुष्य को उसे जलाने का कोई अधिकार नहीं है। राज्य सरकार किसानों को 90 प्रतिशत अनुदान पर भूसा निकालने की मशीन दे रही है। भूसा किसी भी हालत में जलाया नहीं जाना चाहिए।
प्रदेश में 1758 सक्रिय गो-शालाएं
मप्र गो-संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि ने कहा कि प्रदेश में श्रेष्ठ कार्य करने वाली गो-शाला, गो-सेवकों और पशु-सेवकों के लिए आचार्य विद्यासागर जी दया पुरस्कार प्रारंभ किया गया है। प्रदेश में 1758 सक्रिय गो-शालाएं हैं, जिनमें 2 लाख 87 हजार गो-वंश है। सरकार ने गो-सेवा के लिए बजट में पर्याप्त प्रावधान किया है। इस वर्ष गो-शालाओं को 202 करोड़ 53 लाख रुपए की राशि वितरित की गई है।
भगवान आदिनाथ के किए दर्शन
मुख्यमंत्री ने अमरकंटक में सर्वोदय तीर्थ पंचकल्याण मंदिर पहुंच कर भगवान आदिनाथ के दर्शन कर प्रदेश के नागरिकों की सुख-समृद्धि के लिए कामना की। मुख्यमंत्री ने मंदिर परिसर का अवलोकन भी किया। इस दौरान मुख्यमंत्री को मंदिर परिसर में स्थापित 1000 प्रतिमाओं संबंधी जानकारी दी गई।