मुख्यमंत्री ने जनता से कहा-आप लोग भी परंपरा के अनुसार करें प्रार्थना
भोपाल। प्रदेश में पूरे अगस्त महीने में बहुत कम बारिश हुई। बारिश नहीं होने से प्रदेश के 40 प्रतिशत से अधिक जिलों में अल्पवर्षा के कारण खेतों में खड़ी फसलें खराब होने लगी हैं। गर्मी बढऩे से बीमारियां भी बढ़ रही हैं। अगर बारिश नहीं हुई तो आने वाले दिनों में पेयजल और निस्तार के लिए पानी की कमी हो सकती है। बारिश नहीं होने से प्रदेश के बांधों और तालाबों में भी पानी पर्याप्त मात्रा में नहीं है। प्रदेश को अल्पवर्षा से निजात दिलाने और बारिश के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार सुबह उज्जैन पहुंचे।
मुख्यमंत्री चौहान ने भगवान महाकाल की पूजा-अर्चना करने के साथ रुद्राभिषेक भी किया है। मुख्यमंत्री ने सोमवार सुबह महाकाल में विशेष पूजर करने के साथ रुद्राभिषेक कर बारिश के लिए प्रार्थना की है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता से अपील की है कि सभी प्रदेशवासी परंपरा के अनुसार पूजा-अर्चना कर बारिश की अपील करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव-शहरों में परंपरा के अनुसार प्रार्थना करें, सच्चे दिल से की गई प्रार्थना सुनी जाती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने सरकार की ओर से भगवान महाकाल की प्रार्थना की है। यह पूजा मैंने अच्छी वर्षा और फसलें बचाने के लिए की है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि फसलें बचाने के लिए जलाशयों से पानी छोड़ा जा रहा है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार आज शाम तक पूर्व मध्यप्रदेश और कल मंगलवार को पश्चिमी मध्यप्रदेश में बारिश शुरू हो चुकी है। बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवात के कारण प्रदेश में बारिश की संभावना जताई जा रही है।
बिजली खरीदेगी सरकार
इसके अलावा मुख्यमंत्री शिवराज ने बिजली खरीदने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि इन दिनों आठ से नौ हजार मेगावाट बिजली की जरूरत पड़ती थी। अभी 15 हजार मेगावाट बिजली की मांग है। पंप-टयूबवेल और गर्मी के कारण बिजली की मांग बढ़ी है। उन्होंने आगे कहा जहां से बिजली मिलेगी वहां से ली जाएगी, लेकिन बिजली की कमी नहीं आने देंगे।
66 पुजारियों ने दो घंटे किया अभिषेक
महाकाल मंदिर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा उत्तम जल वृष्टि की कामना के संकल्प के साथ महारुद्र अनुष्ठान पंडित घनश्याम शर्मा, शासकीय पुजारी मंदिर के आचार्यत्व में श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारियों व 66 ब्राह्मणों के माध्यम से बाबा महाकाल के सम्मुख नंदी मण्डपम् में किया गगा। महारुद्र अनुष्ठान सोमवार सुबह आठ बजे से शुरू हुआ। महारुद्र अनुष्ठान में 1331 रूद्र पाठ किए गए। वर्तमान में श्रावण भादौ मास प्रचलित है।
श्रावण व भादौ मास में महारुद्र अनुष्ठान का अत्यधिक महत्व है। भगवान शिव जल प्रिय है, इस हेतु महारुद्र अनुष्ठान में दूध, जल के मिश्रण की सतत् धारा से भगवान का अभिषेक किया गया। अभिषेक के पश्चात भगवान की आरती कर अनुष्ठान पूर्ण हुआ।
Chief Minister performed Rudrabhishek in Mahakal for rain, rain possible from today.