- हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने का भी निर्देश दिया है।
नई दिल्ली। मुद्दे को गंभीर मानते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विकलांग बच्चे की देखभाल करने वाली मां को बाल देखभाल अवकाश देने से इनकार करना, कार्यबल में महिलाओं की समान भागीदारी सुनिश्चित करने के राज्य के संवैधानिक कर्तव्य का उल्लंघन होगा।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने दिव्यांग बच्चों वाली कामकाजी महिलाओं को चाइल्ड केयर लीव (सीसीएल) देने के मुद्दे पर नीतिगत निर्णय लेने के लिए हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने का भी निर्देश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को भी पक्षकार बनाने को कहा
इसमें कहा गया है कि याचिका में एक गंभीर मुद्दा उठाया गया है और कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी विशेषाधिकार का मामला नहीं है।
याचिकाकर्ता महिला हिमाचल प्रदेश के विभाग में सहायक प्रोफेसर
अदालत ने राज्य के अधिकारियों को याचिकाकर्ता महिला (राज्य में बतौर भूगोल विभाग में सहायक प्रोफेसर कार्यरत) को सीसीएल देने की याचिका पर विचार करने का भी निर्देश दिया।